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उत्तर प्रदेश

बैंकों और पर्यटकों की पहली पसंद बना यूपी, गरीबी उन्मूलन-शेयर बाजार निवेश में सबसे आगे

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विकास, आर्थिक तरक्की और कामयाबी की नई इबारत लिख रहा है। गरीबी उन्मूलन, शेयर बाजार के निवेशकों, घरेलू पर्यटकों, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या और बैंकों के पसंदीदा निवेश वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश ने देश के अन्य राज्यों को काफी पीछे छोड़ दिया है।

उत्तर प्रदेश बैंकों और पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है। गरीबी उन्मूलन और शेयर बाजार निवेश में सबको पछाड़ दिया है। बैंकों से फंड आकर्षित करने में यूपी नंबर एक हो गया है। 16.2 फीसदी हिस्सेदारी हो गया है। गरीबी उन्मूलन में भी नंबर एक हो गया है। 3.43 करोड़ गरीबी से बाहर निकले। शेयर बाजार में नए निवेशकों के मामले में भी देश भर में पहले स्थान पर यूपी पहुंच गया है। इसके अलावा घरेलू पर्यटकों का तोड़ा रिकार्ड दिया है। 31 करोड़ पर्यटकों के साथ शीर्ष पर है।

समृद्धि को दर्शाने वाली ये उजली तस्वीर भारतीय स्टेट बैंक रिसर्च, भारतीय रिजर्व बैंक, नेशनल स्टाक एक्सचेंज, पर्यटन मंत्रालय, आयकर विभाग और नीति आयोग की अलग-अलग रिपोर्ट से सामने आई है।

विभिन्न परियोजनाओं के लिए बैंकों से फंडिंग लेने के मामले में उत्तर प्रदेश ने शानदार रफ्तार पकड़ी है। रिजर्व बैंक के अगस्त बुलेटिन के मुताबिक वर्ष 2013-14 में बैंकों से कुल प्रोजेक्ट फंडिंग में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी केवल 1.1 फीसदी थी। ये बढ़कर 16.2 फीसदी पर पहुंच गई है। इसी के साथ यूपी महाराष्ट्र को पछाड़कर देश में नंबर वन हो गया है।

गरीबी सूचकांक को लेकर नीति आयोग की रिपोर्ट की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में गरीबों की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। करीब 3.43 करोड़ लोग गरीबी के दलदल से बाहर लाए गए हैं। उत्तर प्रदेश ने शेयर बाजार के नये निवेशकों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र को पीछे छोड़ दिया है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अनुसार अप्रैल में यूपी से 1.26 लाख नए निवेशक जुड़े जबकि महाराष्ट्र से 1.18 लाख नए निवेशकों ने शेयर बाजार में प्रवेश किया। नए निवेशक जोड़ने के मामले में यूपी पिछले पिछले छह महीने से देशभर में पहले स्थान पर है।

आईटीआर दाखिल करने में यूपी दूसरे पायदान पर

आयकर विभाग के मुताबिक आईटीआर दाखिल करने वालों की संख्या में भी यूपी दूसरे पायदान पर आ पहुंचा है। जून 2014 में, प्रदेश से केवल 1.65 लाख आईटीआर दाखिल हुए थे। जून 2023 में ये संख्या बढ़कर 11.92 लाख हो गई। यूपी में पर्यटकों की संख्या में भी आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है।

घरेलू पर्यटकों की संख्या के लिहाज से यूपी देश का पहला राज्य बन गया है। पर्यटन मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में प्रदेश में 31 करोड़ से ज्यादा घरेेलू पर्यटक आए, जो देश के कुल घरेलू पर्यटन का 18.4 फीसदी है।

बीमारू राज्य से राजस्व सरप्लस हो गया

कभी बीमारू कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश आज रेवेन्यू सरप्लस राज्य हो गया है। वर्ष 2016-17 में राज्य कर राजस्व लगभग 86 हजार करोड़ था, जो वर्ष 2021-22 में 1.47 लाख करोड़ से अधिक हो गया। वर्ष 2016-17 सेल्स टैक्स/वैट लगभग 51,883 करोड़ था जो आज में ₹ 1.25 लाख करोड़ के पार रहा। महत्वपूर्ण बात ये है कि उत्तर प्रदेश में पेट्रोल, डीजल और एटीएफ वैट दर कई राज्यों से कम है और मई 2022 के बाद दरों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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