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बिजनेस

इंडिया बनाम भारत विवाद: ब्लू डार्ट का बड़ा एलान, प्रीमियम सेवा का नाम किया भारत प्लस

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Blue Dart

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नई दिल्ली। देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने को लेकर जारी विवाद के बीच मशहूर लॉजिस्टिक कंपनी ब्लू डार्ट ने बड़ा एलान किया है। कंपनी ने अब अपनी प्रीमियम सेवा डार्ट प्लस का नाम बदलकर भारत प्लस कर दिया है।

ब्लू डार्ट ने आज बुधवार को कंपनी फाइलिंग में बताया कि यह कूटनीतिक बदलाव ब्लू डार्ट की मौजूदा यात्रा में एक मील का पत्थर है। यह भारत की वृहद जरूरतों की सेवा के लिए हमारी अटल प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

अपने फैसले की वजह बताते हुए ब्लू डार्ट ने कहा, “यह कदम हमारे उपभोक्ताओं की लगातार विकसित होती जरूरतों के साथ कदमताल करने की प्रक्रिया के लिए लक्षित है।” कंपनी ने कहा कि वह सभी हितधारकों को इस बदलाव वाली यात्रा से जुड़ने का न्योता देती है, जिससे हम भारत को पूरी दुनिया और दुनिया को भारत से जोड़ना जारी रख रहे हैं।

दरअसल, राष्ट्रपति की ओर से 9 सितंबर को जी-20 कार्यक्रम के दौरान भारत मंडपम में आयोजित होने वाले डिनर के निमंत्रण पत्र में ‘द प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ की ओर से न्योता भेजा गया है। इसी निमंत्रण पत्र पर छपे ‘भारत’ शब्द को लेकर अब सियासत होने लगी है।

राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि भाजपा की सरकार देश के नाम पर भी हमला कर रही है। ब्लू डार्ट का यह कदम भारत बनाम इंडिया की इसी बहस के बीच आया है। कुछ ही दिन पहले केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाने का एलान किया था। इसके बाद से ही यह अटकलें भी लगने लगीं कि केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर के समारोह में इंडिया की जगह भारत नाम का इस्तेमाल शुरू करने वाली है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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