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प्रादेशिक

नगरीय निकायों में स्वच्छता की अलख जगाएगा ‘स्वच्छता जनादेश 2023’ अभियान

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लखनऊ, 18 सितंबर। भारत में स्वच्छता की अलख जगाने वाले महात्मा गांधी की जयंती पर पूरे देश में स्वच्छता को लेकर अलग-अलग कार्यक्रमों की शुरुआत की जा रही है। प्रदेश की योगी सरकार ने भी विभिन्न स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने की तैयारी की है। इसी क्रम में योगी सरकार 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) तक प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिका और नगर पंचायतों में स्वच्छता जनादेश सर्वेक्षण 2023 करने जा रही है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रदेश का नगर विकास विभाग इस कार्यक्रम का संचालन करेगा, जिसमें सभी निकायों के पार्षद अपने वार्ड में स्वच्छता से संबंधित सवालों का जवाब देने के साथ ही अपने अपने सुझाव भी देंगे। नगर विकास मंत्री ए. के. शर्मा ने इस वृहद अभियान की शुरुआत की। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश को स्वच्छ प्रदेश बनाना सीएम योगी की प्राथमिकताओं में है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश लगातार इस दिशा में प्रयास कर रही है।

15 दिन में 14 हजार पार्षद जुड़ेंगे अभियान से

2 अक्टूबर तक यानी 15 दिन चलने वाले इस स्वच्छता जनादेश सर्वेक्षण 2023 कार्यक्रम में प्रदेश के नगरीय निकायों से करीब 14 हजार पार्षद हिस्सा लेंगे। ये पार्षद उनके वार्ड में स्वच्छता को लेकर किए जा रहे कार्यों, स्वच्छता की स्थिति और विभिन्न स्वच्छता कार्यक्रमों के विषय में अपना रिस्पॉन्स डिजिटली प्रदान करेंगे। इसके लिए नगर विकास विभाग की ओर से एक क्यूआर कोड जेनरेट किया गया है, जिसे स्कैन करके पार्षद वेब पेज पर 20 सवालों का जवाब देकर विभाग को वार्ड के विषय में अवगत करा पाएंगे। यही नहीं, पार्षदों से सवालों के साथ-साथ स्वच्छ वार्ड को लेकर किए जा रहे उनके प्रयासों की भी जानकारी मांगी गई है, जबकि कैसे स्वच्छता अभियान को और प्रभावी व सफल बनाया जा सके इस विषय में उनसे सुझाव भी लिए जाएंगे।

पार्षदों को करना होगा स्वः मूल्यांकन

नगर विकास के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता एवं कचरा मुक्त शहर (गार्बेज फ्री सिटी) बनाने का उद्देश्य प्राप्त करने के लिए प्रदेश के प्रत्येक नगरीय निकाय में स्वच्छता जनादेश 2023 लागू किया जाना आवश्यक है। नगरीय निकायों में 2 अक्टूबर तक प्रदेश सरकार द्वारा नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत व वार्डों को स्वच्छता के मापदंडों पर पार्षदों द्वारा स्वः मूल्यांकन करने के लिए स्वच्छता जनादेश 2023 के माध्यम से 20 बिंदुओं पर अपने निकाय से संबंधित सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं। स्वच्छता जनादेश 2023 डेडिकेटेड बार कोड के माध्यम से किया जाएगा। प्रमुख सचिव ने सभी जिलाधिकारियों, नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि स्वच्छता जनादेश 2023 को सही एवं निर्धारित समय सीमा में पार्षदों से प्राप्त करने की कार्यवाही अनिवार्य रूस से सुनिश्चित करें।

वार्ड से लेकर स्वच्छता कार्यक्रमों तक 20 बिंदुओं पर ली जाएगी जानकारी

पार्षदों को जिन 20 सवालों पर रिस्पॉन्स देना है, उनमें उनके जिले, नगर निकाय, वार्ड, वार्ड संख्या जैसे सामान्य सवालों के साथ स्वच्छता से संबंधित सवालों की शृंखला है। इसमें वार्ड में कूड़ा गाड़ी के संचालन से संबंधित सवाल पूछे गए हैं जैसे क्या आपके वार्ड में गीला और सूखा कूड़ा अलग अलग रखा और एकत्रित किया जाता है? क्या वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाता है? क्या आपके वार्ड में प्रतिदिन कचरे वाली गाड़ी आती है? इसी तरह वार्ड में स्वच्छता कार्यक्रमों को लेकर भी जानकारी मांगी गई है जैसे वार्ड में प्रतिदिन झाड़ू लगती है या नहीं, कूड़ेदान (डस्टबिन) उपलब्ध है या नहीं, कूड़ेदान की समय-समय पर सफाई होती है या नहीं, नाली और तालाब साफ सुथरे हैं की नहीं इत्यादि। इसके अलावा वार्ड में प्लास्टिक और पॉलिथीन पर प्रतिबंध, जगह-जगह कचरे के ढेर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी जानकारी मांगी गई है। उनसे पूछा गया है की क्या उन्होंने कभी स्वच्छता संबंधित शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नंबर 1533 व 18001800101 का उपयोग किया है या नहीं। साथ ही कभी कोई स्वच्छता अभियान संचालित किए जाने से लेकर स्वच्छता समिति की प्रतिदिन बैठकों में प्रतिभाग के साथ ही स्वच्छता पर उनके सुझाव भी मांगे गए हैं।

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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