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बिजनेस

SBI रिसर्च का दावा: कम ब्याज दरों के चलते घटी बचत, लोगों ने संपत्तियों में किया निवेश

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नई दिल्ली भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की रिसर्च रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि घरेलू बचत की जगह अब लोग अपने पैसों को विभिन्न संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान रिजर्व बैंक ने रेपो दर स्थिर रखी थी और इसमें कोई बदलाव नहीं किया था। जिसके चलते लोगों ने घरेलू बचत करने की बजाय संपत्तियों में निवेश किया है।

रिसर्च के अनुसार, बीते दो सालों में रिटेल क्रेडिट का 55 फीसदी हिस्सा घर खरीदने, उच्च शिक्षा और वाहनों की खरीद में इस्तेमाल किया गया है।

घरेलू बचत कम होने की बताई गई वजह

बता दें कि रिजर्ब बैंक डाटा ऑन हाउसहोल्ड एसेट एंड लायबिलिटीज की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लोगों की घरेलू बचत में गिरावट आई है और यह 50 साल में सबसे निचले स्तर पर है।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि घरेलू बचत वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान कुल जीडीपी की सिर्फ 5.1 प्रतिशत रह गई है जबकि 2020-21 में यह 11.5 प्रतिशत थी और कोरोना महामारी से पहले यह 7.6 प्रतिशत थी।

अब एसबीआई की ताजा रिसर्च में इन रिपोर्ट्स को पूरी तरह से भ्रामक बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू बचत की जगह अब लोग अपने पैसों को विभिन्न संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं।

रियल एस्टेट सेक्टर में उछाल

एसबीआई की रिसर्च के अनुसार, हाउसिंग लोन्स और घरेलू बचत का भौतिक संपत्तियों में निवेश का सीधा संबंध है। वित्तीय वर्ष 2011-12 में घरेलू बचत में भौतिक संपत्तियों में निवेश दो तिहाई से ज्यादा था, लेकिन 2021-22 में यह गिरकर 48 प्रतिशत रह गया था।

अब इसमें फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है और वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 70 प्रतिशत हो गया है और इसी के चलते वित्तीय संपत्ति में कमी आई है। एसबीआई की इस रिसर्च रिपोर्ट में यह भी अनुमान जताया गया है कि रियल एस्टेट सेक्टर में उछाल और संपत्तियों की कीमत बढ़ने के चलते भी यह बदलाव हुआ है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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