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नेशनल

बिगड़े बोल पर चौतरफा घिरे सांसद रमेश बिधूड़ी, भाजपा ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

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Ramesh Bidhuri Controversial Comment to Danish ali in parliament

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नई दिल्ली। भाजपा ने बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ असंसदीय भाषा के इस्तेमाल के लिए अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर पार्टी सांसद रमेश बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है।

किस बयान पर मचा हंगामा?

संसद के विशेष सत्र में विभिन्न चर्चाओं के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी सांसदों के बीच जमकर बहस हुई। इस बीच बीते दिन लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर जब चर्चा हो रही थी तो भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद दानिश अली पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिस पर हंगामा मच गया।

रमेश बिधूड़ी ने अपना भाषण देते समय कहा कि पीएम को क्रेडिट देना ही होगा, क्योंकि उन्होंने काम किया है। इस बीच सांसद दानिश की आवाज सुनते ही बिधूड़ी भड़क गए और उन्हें उग्रवादी और मुस्लिम आतंकवादी के साथ-साथ कई आपत्तिजनक शब्द बोले।

सांसद दानिश अली ने लोकसभी स्पीकर को लिखा पत्र

बसपा सांसद दानिश अली ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा- मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस मामले को जांच और रिपोर्ट के लिए लोकसभा की प्रक्रिया और कामकाज के संचालन के नियमों के नियम 227 के तहत विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए।

ओम बिरला ने दी चेतावनी

सदन में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की आपत्तिजनक टिप्पणियों पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नाराजगी जताई है और भविष्य में ऐसा व्यवहार दोहराए जाने पर उन्हें कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। बता दें कि बिधूड़ी द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के तुरंत बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में खेद जताया था।

बिधूड़ी के खिलाफ हो सख्य कार्रवाई- कांग्रेस

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने भी रमेश बिधूड़ी के बयान की निंदा की। रमेश ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने माफी मांगी है, लेकिन वो काफी नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस भाषा का इस्तेमाल संसद के अंदर या बाहर नहीं किया जाना चाहिए। यह न केवल दानिश अली का बल्कि हम सभी का अपमान है।

जयराम ने कहा कि बिधूड़ी जो कह रहे हैं वह भाजपा की मंशा है, मुझे लगता है कि यह निलंबन का उपयुक्त मामला है और बिधूड़ी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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