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बिजनेस

ये विदेशी कंपनी बेचने वाली है Adani Green और Adani Energy से हिस्सेदारी, शेयर पर दिखा असर

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fall in shares of Adani Group

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नई दिल्ली। साल 2023 अदाणी ग्रुप के लिए काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है। इस साल की शुरुआत में अदाणी ग्रुप के बारे में हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट जारी हुई थी। इस रिपोर्ट के आने के बाद अदाणी ग्रुप के शेयर में गिरावट आई। अब अदाणी ग्रुप को लेकर अब एक और अहम जानकारी सामने आ रही है। दरअसल, अबूधाबी समूह इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) अदाणी ग्रुप की 2 कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने की प्लानिंग कर रहा है।

IHC अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस की हिस्सेदारी बेचने वाला है। आपको बता दें कि आईएचसी के पास अदाणी ग्रीन एनर्जी की 1.26 फीसदी और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस की 1.41 फीसदी हिस्सेदारी है। बीते दिन गुरुवार को अदाणी की इस दो कंपनियों के शेयर प्राइस के आधार पर IHC के पास 3327 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है।

खबर लिखते वक्त अदाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर 13.45 अंक गिरकर 999.55 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 13.75 अंक या 1.67 फीसदी गिरकर 816.60 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है। बीते दिन कंपनी के अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर 1.73 फीसदी और अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर 0.61 फीसदी गिरकर बंद हुए थे।

कौन खरीद रहा है कंपनी की हिस्सेदारी

IHC ने अभी तक कंपनी के हिस्सेदारी खरीदने वाले खरीदार की जानकारी नहीं दी है। कंपनी ने पिछले साल अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस में 50-50 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। IHC के मुख्य कार्यकारी सैयद बसर शुएब ने उस वक्त कहा था कि कंपनी अदाणी ग्रुप में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करेगी।

कंपनी की ओर से कहा गया है कि वह अपने पोर्टफोलियो को नियंत्रित करने के लिए हिस्सेदारी बेच रही है। कंपनी द्वारा अदाणी एंटरप्राइजेज में निवेश को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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