Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

कच्चे तेल पर बढ़ा विंडफॉल टैक्स, ATF और डीजल पर घटा निर्यात शुल्क; नई दरें लागू 

Published

on

Windfall tax increased on crude oil, export duty reduced on ATF and diesel

Loading

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। वहीं,डीजल पर निर्यात शुल्क को घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जो कि पहले 5.50 रुपये प्रति लीटर था। इसके अलावा जेट फ्यूल पर निर्यात शुल्क को घटाकर 2.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है, जो कि पहले 3.5 रुपये प्रति लीटर था। पेट्रोल पर निर्यात शुल्क शून्य बना हुआ है।

30 सितंबर से लागू हुई नई दरें

सरकार द्वारा घोषित की गई विंडफॉल टैक्स की नई दरें 30 सितंबर से लागू हो गई हैं। विंडफॉल टैक्स की समीक्षा सरकार की ओर से हर 15 दिनों में की जाती है। बाजार में चल रही कीमतों के आधार पर ही विंडफॉल टैक्स को किया जाता है।

इससे पहले 15 सितंबर को विंडफॉल टैक्स की नई दरें घोषित की गई थी। उस समय घरेलू उत्पादित कच्चे तेल पर टैक्स को 6700 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति टन कर दिया था। डीजल पर निर्यात शुल्क 6 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था। इसके अलावा एटीएफ पर निर्यात शुल्क को 6 रुपये से घटाकर 5.50 रुपये प्रति टन कर दिया था।

पहली बार कब लगा था विंडफॉल टैक्स

सरकार द्वारा पहली बार पिछले साल एक जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया गया था। उस समय निर्यात किए जाने पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया गया था।

कच्चा तेल की कीमत 94 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है। ओपेक देशों की ओर से कच्चे तेल के उत्पादन में लगातार कटौती करने के कारण कीमतों में उछाल देखा जा रहा है।

Continue Reading

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending