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प्रादेशिक

कुरुक्षेत्र: पहाड़ से लेकर विदेश तक किया गया गीता पाठ, हरियाणा व असम के सीएम रहे मौजूद

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global Gita recitation

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कुरुक्षेत्र (हरियाणा)। कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर तट पर अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव सात दिसंबर से चल रहा है। इसी क्रम में आज शनिवार को गीता जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई। इस दौरान थीम पार्क में 18 हजार स्कूली बच्चे वैश्विक गीता पाठ किया। इस वैश्विक गीता पाठ के साथ प्रदेश भर के हजारों विद्यार्थी ऑनलाइन प्रणाली से जुड़े। शनिवार को देश के कोने-कोने तक पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकों की गूंज पहुंची। कार्यक्रम में हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल और असम के सीएम मौजूद रहे।

24 दिसंबर तक चलेगा कार्यक्रम

कुरुक्षेत्र के गीता महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम, शिल्प और सरस मेला 24 दिसंबर तक चलेंगे। इस महोत्सव में अब तक लाखों श्रद्धालु और पर्यटक शिल्पकला और सांस्कृतिक कार्यक्रम और गीता पाठ सहित अन्य कार्यक्रमों का आनंद ले चुके हैं।

पहाड़ व गंगा से लेकर विदेश में भी किया गया गीता पाठ

गीता के उपदेश के 5160 वर्ष पूरे होने पर शनिवार को एक मिनट एक साथ गीता पाठ मैदान से लेकर पहाड़ और गंगा से लेकर सात समंदर पार विदेश में भी किया गया। गीता के तीन श्लोकों का उच्चारण प्रात: 11 बजे किया गया।

हरिद्वार में गंगा किनारे हर की पौड़ी पर एक हजार संत गीता का पाठ किया, वहीं वाराणसी और श्री माता वैष्णो देवी के दरबार में भी गीता का पाठ किया। यहां से गीता पाठ को लाइव दिखाया गया।

उल्लेखनीय है कि इस नई शुरूआत पर पहली बार में ही देशभर से एक करोड़ लोगों के शामिल होने का अनुमान जताया गया है। कुरुक्षेत्र की धर्म धरा पर श्रीकृष्ण भगवान ने अर्जुन को निमित कर दुनिया को गीता का उपदेश दिया था। गीता के उपदेश का दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी और गीता के उपदेश का अनुमानित समय प्रात: 11 बजे माना गया है।

इसे गीता की उत्पत्ति का समय माना जाता है। शनिवार को 5160 वर्ष पूरे हो गए हैं। कुरुक्षेत्र के पवित्र ब्रह्मसरोवर पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया है। इसके अंतर्गत 48 कोस कुरुक्षेत्र के करीब 164 तीर्थ स्थलों पर कार्यक्रम किया गया।

प्रदेश ही नहीं देश-विदेश में हुआ गीता पाठ

गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने बताया कि एक मिनट एक साथ गीता का वैश्विक आह्वान था। इसमें गीता के प्रथम, मध्यम और अंतिम श्लोक को लिया गया। पिछले कई वर्षों में गीता का प्रभाव देश ही नहीं पूरे विश्व में बढ़ा है। यह गीता और भारतीय संस्कृति के लिए अच्छे संकेत हैं। एक मिनट-एक साथ गीता पाठ को लेकर शिक्षण संस्थानों के अलावा विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठन जुड़े हैं।

कर्नाटक के बेलगांव की एक यूनिवर्सिटी के कुलपति ने आगे आकर गीता पाठ करने का फैसला लिया। इसी तरह देश के 950 विश्वविद्यालय इसके साथ जुड़े रहे हैं। माता वैष्णो देवी के दरबार में आरती की तर्ज पर गीता का पाठ किया।

ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और इंग्लैंड समेत कई देशों में लोगों ने गीता पाठ किया। गीता किसी एक जाति या वर्ग की नहीं है। श्रीकृष्ण भगवान ने पूरा सार्वभौम के लिए गीता में संदेश दिए हैं।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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