अन्तर्राष्ट्रीय
लाल सागर में भारत का झंडा लगे एक और जहाज पर ड्रोन से हमला, हूती विद्रोहियों ने बनाया निशाना
वॉशिंगटन। ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने रविवार सुबह लाल सागर में एक और तेल ले जा रहे जहाज को निशाना बनाया। बताया गया है कि इस जहाज पर भारत का झंडा लगा था। जहाज पर ड्रोन से हमरा किया गया, जिसके बाद इससे क्षेत्र में ही मौजूद एक अमेरिकी युद्धपोत को खतरे का सिग्नल भेजा गया।
अमेरिकी सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, गैबॉन का यह तेल टैंकर ड्रोन के निशाने पर आ गया। हालांकि, घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
बताया गया है कि अमेरिकी सैनिकों को एक साथ दो जहाजों की ओर से हमले से घिरे होने की सूचना मिली। इनमें एक नॉर्वे के झंडे वाला केमिकल टैंकर एमवी ब्लामानेन था। हूतियों का ड्रोन इसे निशाना बनाने से चूक गया। हालांकि, भारत के झंडे वाला एमवी साईबाबा ड्रोन हमले की जद में आ गया।
गौरतलब है कि कल शनिवार को जापान के स्वामित्व वाले एक केमिकल टैंकर पर अरब सागर में भारत के नजदीक ड्रोन हमला हुआ था। इसको लेकर अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने दावा किया है कि यह ड्रोन हमला ईरान से किया गया था।
बता दें कि पहले यह माना जा रहा था कि यह हमला हूती विद्रोहियों ने किया है क्योंकि हाल के समय में अरब सागर और हिंद महासागर में कई जहाजों को हूती विद्रोहियों ने निशाना बनाया है, लेकिन अब अमेरिका ने दावा किया है कि शनिवार को जो हमला हुआ था, वह ईरान से हुआ था।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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