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जरूरत पड़ने पर अकेले भी लड़ लेंगे चुनाव, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को भाव नहीं दे रही TMC

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TMC is not giving importance to Congress in Bengal

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कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर उसका कांग्रेस के लिए ‘खुला दिल’ है, लेकिन अगर बातचीत विफल रहती है तो वह अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार है।

शीर्ष नेता लेंगे आखिरी फैसला

लोकसभा में TMC के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि स्थानीय कांग्रेस नेता सीटों के बंटवारे के बारे में क्या सोच रहे हैं, इससे कोई मतलब नहीं है, क्योंकि अंतिम निर्णय दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा।

TMC नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, “हमारी नेता ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि कांग्रेस के लिए हमारा दिल खुला है। अब, वे क्या करेंगे, यह उन पर निर्भर है। पश्चिम बंगाल में क्या होगा, इसका फैसला सोनिया गांधी और ममता बनर्जी करेंगी।” यह टिप्पणी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के उस बयान के दो दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी TMC से सीटों की भीख नहीं मांगेगी।

कांग्रेस के लिए चार सीटें छोड़ने को तैयार TMC

एक अन्य वरिष्ठ TMC नेता ने इस मुद्दे पर नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल में गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन जरूरत पड़ने पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार है। चर्चा से जुड़े कई नेताओं ने पुष्टि की कि टीएमसी राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से चार को कांग्रेस के लिए छोड़ने पर विचार कर रही है।

2019 चुनाव में जीती थीं 22 सीटें

2019 के चुनावों में, TMC ने 22 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं और भाजपा ने राज्य में 18 सीटें हासिल की थीं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर सीट से जीत हासिल की और पूर्व केंद्रीय मंत्री अबू हासेम खान चौधरी ने पड़ोसी मालदा जिले की मालदा दक्षिण सीट से लगातार तीसरी जीत हासिल की।

इससे पहले TMC ने 2001 के विधानसभा चुनाव, 2009 के लोकसभा चुनाव और 2011 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, जिसमें उन्होंने 34 साल की CPI (M) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार को उखाड़ फेंका था।

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दिल्ली की हवा अभी भी “गंभीर श्रेणी” में, AQI 400 पार

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नई दिल्ली। देश और दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति में बृहस्पतिवार को खासा सुधार रहा। कई दिनों के बाद दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से नीचे 371 दर्ज किया गया जो बेहद खराब श्रेणी में है। बिहार का हाजीपुर एकमात्र शहर रहा जहां का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में 403 दर्ज किया। इसके बाद दिल्ली का स्थान रहा। वैसे दिल्ली के 35 निगरानी केंद्रों के डाटा में से सिर्फ छह केंद्रों ने वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की जबकि 28 केंद्रों में यह बेहद खराब श्रेणी में रहा। दिल्ली के कई इलाकों में आज भी 400 से ऊपर एक्यूआई दर्ज किया गया है। सबसे ज्यादा 424 जहांगीरपुरी का है।

दिल्ली में कहां कितना है एक्यूआई

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग एक्यूआई दर्ज किया गया है। आनंद विहार में 457, अशोक विहार में 455, चांदनी चौक में 439, आरके पुरम में 421 एक्यूआई दर्ज किया गया है जो कि गंभीर श्रेणी को दर्शाता है। बता दें कि 0-5- एक्यूआई को अच्छा, 51-100 एक्यूआई को संतोषजनक, 101-200 एक्यूआई मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बेहद खराब और 401-500 एक्यूआई को गंभीर श्रेणी माना जाता है। इसके उपर एक्यूआई के जाने पर इसे बेहद गंभीर की श्रेणी में रखा जाता है। स्मॉग के कारण दिल्ली में आने-जाने वाली ट्रेनों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जनसाधारण एक्सप्रेस आनंद विहार टर्मिनल से दानापुर जाने वाली ट्रेन 661 मिनट लेट हो गई। वहीं हजर निजामुद्दीन हमसफर एक्सप्रेस 110 मिनट लेट हो गई। वहीं रुनिचा एक्सप्रेस 24 मिनट देरी से चल रही है।

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