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नेशनल

योगी सरकार का संकल्प : अयोध्या में यातायात हो सुगम, सुरक्षित हो सफर

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अयोध्या। रामनगरी अयोध्या को संवारने में प्रदेश की योगी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। अध्यात्म से लेकर पौराणिकता और शिक्षा-चिकित्सा से लेकर यातायात तक हर जगह सरकार की नजर है। यहां के लोगों का सफर सुरक्षित व यातायात सुगम हो, इसके लिए आईटीएमएस (इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) प्रॉजेक्ट भी शुरू किया गया। 2017 के बाद से अयोध्या के यातायात पर भी पूरा ध्यान दिया जाने लगा। सरकार ने इस योजना को शुरू कराया था, जो अब तकरीबन पूरा हो चुका है। 20 चौराहों पर यह सिस्टम काम कर रहा है, वहीं दो अन्य चौराहों पर भी जल्द ही यातायात पर आईटीएमएस की नजर रहेगी। इस प्रॉजेक्ट की लागत लगभग 47.74 करोड़ रुपये है। अक्टूबर 2021 में इस कार्य को प्रारंभ किया गया था। 17 जनवरी 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इसके प्रथम चरण का लोकार्पण किया जा चुका है। यह कार्य स्मार्ट सिटी योजना के तहत कराया गया है।

न्यू बस अड्डा व एयरपोर्ट पर काम शुरू करने की योजना

अयोध्या के 20 स्थानों पर आईटीएमएस प्रॉजेक्ट शुरू हो गया है, जबकि न्यू बस अड्डा अयोध्या व एयरपोर्ट रोड (निर्माणाधीन) पर भी यह काम शुरू करने की योजना है, जिन जगहों से यातायात पर निगाहें रहेंगी, वे रिकाबगंज, सिविल लाइन, हनुमान गुफा, श्री राम अस्पताल, नया घाट, साकेत पेट्रोल पंप, देवकाली बाईपास, सुल्तानपुर बाईपास, रायबरेली बाईपास, सहादतगंज बाईपास, गुरु गोविंद सिंह चौराहा, पुलिस लाइन, टेढ़ी बाजार, उदया चौराहा, देवकाली तिराहा, गुदरी बाजार, पोस्ट ऑफिस चौराहा, नाका तिराहा, गुरु गोविंद सिंह, सहादतगंज हनुमानगढ़ी चौराहा, डीएम चौराहा हैं। यहां कार्य पूर्ण कर ट्रैफिक सिग्नल शुरू किए गए हैं। टेक्नोसिस सिक्योरिटी सिस्टम प्रा. लिमिटेड की तरफ से इस पर काम हुआ। वहीं अमानीगंज जलकल परिषद में बने अस्थायी कंट्रोल कमांड सेंटर से नजर रखी जा रही है। मंगल पांडेय चौराहे पर सर्वे कार्य किया जा रहा है। प्रोजेक्ट मैनेजर निखिल श्रीवास्तव ने बताया कि सिग्नल के साथ कैमरे भी लगाए गए हैं। यातायात को सुगम रखने के लिए यहां एनाउंसमेंट की भी व्यवस्था की गई है। इसके जरिए समय-समय पर लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

14 स्थानों पर लगाए गए पब्लिक एड्रेस सिस्टम

योगी सरकार ने अयोध्या के 14 स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाए हैं। इसके जरिए यात्रियों को समय-समय पर ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी दी जाती है। सिग्नल के उल्लंघन पर मॉनिटरिंग रूम से चेतावनी भी दी जाती है। यही नहीं 20 स्थानों पर इमरजेन्सी कॉल बॉक्स लगाए गए हैं। किसी भी आपातकालीन स्थिति में यह बॉक्स कंट्रोल रूम को सूचना भेज देगा। आपात स्थिति में इससे काफी मदद मिलेगी।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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