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प्रादेशिक

‘सबकुछ सेट हो गया है, हम बीजेपी संग सरकार बना रहे हैं’, जेडीयू के दिग्गज नेता ने किया एलान

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JDU MLA and Whip of Gopalpur Narendra Kumar Neeraj alias Gopal Mandal

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भागलपुर। सूबे की राजनीति में उथल-पुथल और लुकाछिपी अब खत्म हो गई, सबकुछ अब सेट हो गया है। हम भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। हमारे साथ कांग्रेस के भी साथी आएंगे। यह बातें बिहार के गोपालपुर के जदयू विधायक एवं सचेतक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने शनिवार को कही।

नीतीश कुमार ने तो भाजपा के साथ नहीं जाने की बात कही थी, क्या हुआ। इस सवाल के जवाब में विधायक मंडल ने कहा कि हमारे नेता क्या करते। जिस इंडिया गठबंधन की नींव उन्होंने रखी। उसमें नीतीश कुमार को कोई पूछ नहीं रहा था।

उन्होंने कहा बात तो प्रधानमंत्री प्रत्याशी तक बनाने की थी लेकिन संयोजक तक बनाने में कांग्रेस नेतृत्व कतरा रहा था। जिस खड़गे को कोई जानता नहीं था, उसे आगे किया गया। ऐसे में नीतीश कुमार क्या करते। गोपाल मंडल ने कहा कि इधर राजद की तरफ से उनपर दबाव बनाया जा रहा था। हमारे नेता को एक सीमा तक झुकाया जा सकता। अभी उन्हें सूबे के लिए बहुत कुछ करना था।

अंदर ही अंदर खिचड़ी पकाई जा रही थी

गोपाल मंडल ने कहा लेकिन अंदर ही अंदर कुछ और खिचड़ी पकाई जा रही थी। इसलिए सुशासन की सरकार देने के लिए भाजपा के साथ जाना जरूरी समझा। मंडल ने कहा कि उन्हें भी पटना बुलाया गया है। जदयू-भाजपा जब एक हो जाएंगे तो कैसा खतरा। सरकार बेहतर चलेगी।

जदयू-बीजेपी गठबंधन होने से कानून व्यवस्था बेहतर होगी

विधायक ने कहा कि जदयू-बीजेपी गठबंधन होने से राजद की नाराजगी का कोई असर नहीं होगा। विधि-व्यवस्था बेहतर रहेगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की तैयारी वह खुद बीते एक साल से कर रहे हैं।

भागलपुर संसदीय सीट से वह चुनाव लड़ने का दावा उन्होंने करते हुए कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर जता चुके हैं। फिर एक बार मिलकर उन्हें अपनी दावेदारी देंगे। क्योंकि भागलपुर सीट हम ही गठबंधन की झोली में ला सकते हैं।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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