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उत्तर प्रदेश

उप्र को फाइलेरिया मुक्त बनाने को मिशन मोड में योगी सरकार, जिलों में खिलाई जायेगी बचाव की दवा

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Yogi government in mission mode to make UP free from filariasis

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लखनऊ। उप्र को फाइलेरिया मुक्त बनाने को लेकर योगी सरकार मिशन मोड में काम करने को पूरी तरह तत्पर है। इसके तहत प्रदेश के आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) को फाइलेरिया मरीजों को चिन्हित करने के बारे में प्रशिक्षित किया गया है। स्वास्थ्य इकाइयों पर हर माह की 15 तारीख को आयोजित होने वाले एकीकृत निक्षय दिवस पर टीबी, कालाजार के साथ फाइलेरिया मरीजों को भी चिन्हित किया जा रहा है।

इसके अलावा प्रदेश के 17 जिलों में 10 से 28 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन अभियान (एमडीए राउंड) चलाया जाएगा, जिसके तहत प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर सभी को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराएँगे। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2027 तय किया है।

5 से 15 साल में दिखाई देते हैं फाइलेरिया के लक्षण

मुख्यमंत्री की अपील है कि एमडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें। क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली इस गंभीर बीमारी के लक्षण जैसे- हाइड्रोसील, हाथ-पैर व स्तन में सूजन आदि पाँच से 15 साल में दिखाई देते हैं। इसलिए हर कोई अपने को फाइलेरिया ग्रसित मानकर दवा का सेवन करें और खुद के साथ आने वाली पीढ़ी को इस बीमारी से सुरक्षित बनाएं। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है, इसलिए लक्षण आने का इन्तजार न करके दवा का सेवन करना ही समाज हित में है।

मुख्यमंत्री का कहना है कि इस बीमारी को रोका तो जा सकता है, लेकिन एक बार हो जाए तो इसका कोई इलाज नहीं किया जा सकता। इसका केवल प्रबंधन किया जा सकता है, जिसके लिए सरकार तत्पर है और फाइलेरिया मरीजों को रुग्णता प्रबन्धन एवं दिव्यांगता निवारण (एमएमडीपी) का प्रशिक्षण और किट प्रदान कर रही है। इसलिए बीमारी को रोकने के लिए जरूरी है कि दवा का सेवन करें। जून 2023 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य में 51 फाइलेरिया एण्‍डेमिक जिले हैं और राज्य में 90768 लिम्‍फेटिक फाइलेरियासिस एवं 21131 हाइड्रोसील के रोगी चिन्हित किए गए हैं।

इन ज़िलों में चलाया जाएगा अभियान

फाइलेरिया से मुक्ति के लिए 10 से 28 फरवरी तक अमेठी, आजमगढ़, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, हमीरपुर, जौनपुर, जालौन, लखनऊ, पीलीभीत, शाहजहांपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, उन्नाव और वाराणसी में एमडीए राउंड चलाया जाएगा।

इनमें अमेठी, आजमगढ़, बांदा, बाराबंकी, बरेली, लखनऊ, प्रतापगढ़, प्रयागराज, उन्नाव और वाराणसी में ट्रिपल ड्रग (आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल) का सेवन कराया जाएगा जबकि बलिया, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर और सोनभद्र में डबल ड्रग (डीईसी और एल्बेंडाजोल) का सेवन कराया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में फाइलेरिया प्रभावित 51 जिले हैं, अन्य प्रभावित जिलों में आगामी 10 अगस्त से एमडीए राउंड चलाया जाएगा।

फाइलेरिया से बचा के लिये यह सावधानी बरतें :

– मच्छर के काटने से बचें : फाइलेरिया के परजीवी संक्रमित क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलते हैं। इसलिए बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छरों के काटने से बचकर रहें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और पूरी बांह के कपड़े पहनें।

– साफ़-सफाई का रखें खास ख्याल : क्यूलेक्स मच्छर रुके हुए गंदे पानी में पनपते हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि घर और आस-पास साफ़-सफाई का पूरा ख्याल रखें।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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