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उत्तर प्रदेश

CM योगी ने महाभारत के पांच गांवों का किया जिक्र, बोले- बहुसंख्यक समाज ने सिर्फ तीन स्थान मांगे

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CM Yogi in vidhansabha

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लखनऊ। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पांडवों ने कौरवों से सिर्फ पांच गांवों की मांग की थी पर वो नहीं दिए गया। देश का बहुसंख्यक समाज तो सिर्फ तीन स्थानों (अयोध्या, मथुरा और काशी) की मांग कर रहा था उसके लिए उसे गिड़गिड़ाना पड़ा। अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन गया है। काशी और मथुरा को हम कैसे भूल सकते हैं। ये काम तो आजादी के बाद ही हो जाना चाहिए था पर वोट बैंक के लिए लोक आस्था के इन स्थानों से दूरी बनाकर रखी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ। इसके जरिये भारत के गौरव की पुर्नप्रतिष्ठा हुई है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि अयोध्या का पुराना गौरव वापस लौट आया है। हमें खुशी है कि हमने अपना वचन निभाया और मंदिर वहीं बनाया…। मुख्यमंत्री योगी बोले कि हम सिर्फ कहते नहीं हैं बल्कि करके दिखाते हैं।

CM योगी ने कहा कि अयोध्या के साथ अन्याय हुआ। वहां के लोगों के साथ अन्याय हुआ है। मंदिर का मामला तो न्यायालय में था तो क्या वहां सड़क और बिजली नहीं दी जा सकती थी। क्या सरयू के घाटों की सफाई नहीं की जा सकती थी लेकिन अयोध्या को कुत्सित मंशा के कारण अभिशप्त रखा गया।

पहले की सरकार अयोध्या, काशी और नोएडा, बिजनौर जाने से कतराती थी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बिना रुके, बिना डिगे, बिना झुके काम किया। हम लोग अयोध्या भी गए और प्रदेश के हर जनपद गए। अगर मैं अयोध्या और काशी गया हूं तो नोएडा और बिजनौर भी गया। अयोध्या और काशी को इसलिए अभिशप्त कर दिया गया क्योंकि वोट बैंक कट जाएगा। नोएडा और बिजनौर इसलिए नहीं जाते थे, क्योंकि वहां से कुर्सी से उतर जाएंगे। हमने कहा कि हम इन चारों जगह जाएंगे। अयोध्या इसलिए जाएंगे क्योंकि यह हमारी अस्था का विषय है। यह मेरा सौभाग्य है और मेरी सरकार का सौभाग्य है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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