उत्तर प्रदेश
सपा में भाजपा के एजेंट हैं मनोज पांडेय, लोकतंत्र को निगलने की है तैयारी: स्वामी प्रसाद मौर्य
अमेठी। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत को धर्म के ठेकेदारों ने गरीब और लाचार बना दिया है। विफलता छिपाने के लिए धर्म और राम के नाम का ढिंढोरा पीट रहे हैं। ये बातें उन्होंने रविवार को अमेठी के बाजार शुकुल में आयोजित संविधान संगोष्ठी एवं सामाजिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल कि आपकी पार्टी के ही विधायक मनोज पाण्डेय आप पर मानसिक रूप से विक्षिप्त होने का आरोप लगा रहे हैं, इसपर स्वामी प्रसाद ने कहा कि इसका बेहतर उत्तर वही दे सकते हैं, जिन्होंने इस तरह का आरोप लगाया है।
इस देश के दलित, आदिवासियों, पिछड़ों पर जो जुल्म व अत्याचार करना अधिकार मानते हैं, जो हमें जानवर से बदतर जीवन जीने की परिस्थितियां पैदा करते हैं, वह हमारी तारीफ कैसे कर सकते हैं। असल में मनोज सपा में भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए मौर्य ने कहा कि अयोध्या में हजारों वर्षों से राम पूजे जा रहे हैं। भाजपा उनकी मार्केटिंग कर रही है। आज युवा बेरोजगार हैं, लेकिन उनकी नौकरी पर सवाल नहीं होता। सरकार पर ईडी के माध्यम से विपक्षी नेताओं को परेशान करने का आरोप लगाया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। कहा कि लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र को निगलने की तैयारी है।
रामचरितमानस की चौपाई से सरकार पर साधा निशाना
रामचरितमानस की चौपाई का जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा। कहा कि ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी के आधार पर अगर आप लोग नहीं चेते तो आपकी ताड़ना चलती रहेगी। आज भी इस लोकतांत्रिक देश में राष्ट्रपति को मंदिरों में जाने से मना कर दिया जाता है।
उन्होंने मीडिया पर गोदी मीडिया होने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज युवा बेरोजगार है उनकी नौकरी पर सवाल नहीं होता है। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज भाजपा सरकार पुश्तैनी कार्यों को लेकर छलावा के रूप में जनकल्याणकारी योजना बढ़कर फिर से उन्हें पुराने कार्यों में लगाकर मजलूम करने पर तुली है।
कहा कि 80 करोड़ लोगों को सरकार गरीब एवं मजलूम बता कर 5-10 किलो राशन दे रही है। जनता से लोकतंत्र व संविधान के दुश्मनों को भागने और लोकतंत्र तथा संविधान को बचाने की अपील की कहा कि देश बेचने वालों को लोकसभा चुनाव में जवाब देकर भगाना है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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