उत्तर प्रदेश
NDA में जाते ही मायावती को झटका देंगे जयंत चौधरी? मलूक नागर से मुलाकात पर चर्चा तेज
बिजनौर/मेरठ। राष्ट्रीय लोकदल (RLD) प्रमुख चौधरी जयंत सिंह ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होने का ऐलान कर ही दिया है। NDA में जाने को लेकर एक हफ्ते से चर्चाएं हो रही थीं। हालांकि जयंत सिंह के दादा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा के साथ ही गठबंधन पर एक तरह से मुहर लग गई थी।
इस बीच दिल्ली में दफ्तर पर बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर की मुलाकात के बाद चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। पश्चिमी उप्र की बिजनौर लोकसभा सीट से बीएसपी के सांसद मलूक नागर का सोमवार को चौधरी अजित सिंह की जयंती पर चौधरी जयंत सिंह से जाकर मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है।
मलूक काफी दिन से चौधरी जयंत की तारीफ करते रहे हैं। फिलहाल सियासी हलकों में चर्चा है कि मलूक पाला बदल कर जयंत सिंह के साथ आ सकते है और बिजनौर से गठबंधन प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं। इससे मायावती को तगड़ा झटका लग सकता है।
गौरतलब है कि जयंत एनडीए में शामिल हो चुके हैं। वैसे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सोमवार को मुजफ्फरनगर से शुरू हुए ग्राम संपर्क अभियान में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा RLD को NDA में शामिल होने का ऐलान करेंगे, लेकिन एन वक्त पर नड्डा का कार्यक्रम निरस्त हो गया, तो सोमवार को जयंत ने खुद NDA में शामिल होने का ऐलान कर दिया। वैसे अभी गठबंधन की सीटों के बंटवारे को लेकर असल तस्वीर सामने आना बाकी है।
सोमवार को चौधरी अजित सिंह की जयंती थी। हजारों की तादाद मे वेस्ट यूपी से वर्कर उनको याद करने दिल्ली गए थे। वहां चौधरी जयंत सिंह से भी मिले। वर्कर जानकारी चाह रहे थे कि एनडीए से गठबंधन मे क्या तय हुआ।
अगर गठबंधन फाइनल हुआ तो आधिकारिक ऐलान अभी तक क्यों नहीं हुआ? गठबंधन को लेकर फैल रही चार विधायकों की नाराजगी की चर्चा कहां तक सही है? इस पर जयंत को मीडिया के सामने तस्वीर साफ करनी पड़ी।
जयंत सिंह ने कहा कि मैंने अपने सारे विधायकों से बात कर ली है, हमें कम समय में फैसला लेना पड़ा, परिस्थितियां ऐसी थीं। NDA के साथ जाने का फैसला लिया। हमारे सभी विधायक, कार्यकर्ता हमारे साथ हैं। जयंत ने यह भी कहा कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर मैं व्यक्तिगत तौर पर भी प्रफुल्लित था। पूरे देश में इस सम्मान के मिलने से खुशी का माहौल है।
इस बीच थाना भवन से RLD विधायक अशरफ अली ने भी NDA से गठबंधन पर किसी नाराजगी से इनकार किया। कहा कि हम पर चौधरी परिवार के अहसान हैं। इस गठबंधन से वेस्ट यूपी में सियासी समीकरण बदलना तय हैं।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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