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उत्तर प्रदेश

गोरखपुर में औद्योगिक घराने करेंगे 3725 करोड़ रुपये का निवेश, दस हजार को मिलेगा रोजगार

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गोरखपुर। औद्योगिक प्रगति में छलांग लगा रहे गोरखपुर में चालू वित्तीय वर्ष में 3725 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाएं धरातल पर उतरने की कतार में हैं। अडानी ग्रुप समेत सात औद्योगिक घरानों ने गीडा को अपने निवेश प्रस्ताव देकर जमीन की डिमांड की है। गीडा इन निवेशकों को उनके मनमाफिक जमीन देने की प्रक्रिया में है। इन निवेश परियोजना के मूर्त होने के बाद करीब दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

अडानी ग्रुप ने अंबुजा ब्रांड की सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए, लोटस सिंगापुर ग्रुप ने बिसलेरी ब्रांड का बॉटलिंग प्लांट लगाने के लिए, शाही एक्सपोर्ट ने रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर के लिए, दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) व आईआईएमटी यूनिवर्सिटी ने शिक्षा संस्थान के लिए, अपोलो ट्यूब्स ने स्टील पाइप फैक्ट्री के लिए और स्टैम्ज टेक ने कोल्ड रोल फार्मिंग सेक्शन, वैगन निर्माण एवं रख रखाव के लिए कुल मिलाकर 128 एकड़ जमीन की मांग गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) से की है। इन निवेशकों को जमीन मिलने के बाद वे 3725 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इनमें सबसे बड़ा निवेश प्रस्ताव अडानी ग्रुप का है। गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुज मलिक ने इन निवेश प्रस्तावों की विस्तृत जानकारी गत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान दी। उन्होंने बताया कि इन सभी निवेशकों को उनकी पसंद के मुताबिक जमीन दिखा दी गई है और जल्द ही आगे की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में संभावित बड़े निवेश

निवेशक प्रोजेक्ट वांछित भूमि पूंजी निवेश प्रस्तावित रोजगार
अडानी ग्रुप सीमेंट फैक्ट्री 65 एकड़ ₹ 1500 करोड़ 5000
शाही एक्सपोर्ट रेडीमेड गारमेंट 26 एकड़ ₹ 1000 करोड़ 1800
आईआईएमटी शिक्षा संस्थान 4 एकड़ ₹ 625 करोड़ 300
अपोलो ट्यूब्स स्टील पाइप 17 एकड़ ₹ 300 करोड़ 2000
स्टैम्ज टेक वैगन निर्माण 6 एकड़ ₹ 150 करोड़ 300
लोटस सिंगापुर बिसलेरी प्लांट 6 एकड़ ₹ 100 करोड़ 500
डीपीएस शिक्षा संस्थान 4 एकड़ ₹ 50 करोड़ 200
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बदला माहौल तो बिछने लगा इंडस्ट्री का जाल

इंडस्ट्री और गोरखपुर के बीच दशकों तक विरोधाभासी रिश्ता बना रहा लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सात साल में माहौल ऐसा बदला कि अब दोनों एक दूसरे के पूरक रूप में देखे जा रहे हैं। जिस गोरखपुर में स्थानीय पूंजीपति भी औद्योगिक निवेश करने से घबराते थे, अब वहां देश की नामी कम्पनियों के आने की होड़ सी दिखती है। गोरखपुर को औद्योगिक विकास के नक्शे पर स्थापित करने के लिए नोएडा की तर्ज पर गीडा की स्थापना यूं तो 34 वर्ष पूर्व ही ओर दी गई थी लेकिन नोएडा से प्रतिस्पर्धा का दौर बीते आधे दशक में शुरू हुआ है। इंडस्ट्री को लेकर नकारात्मक धारणा वाले इस क्षेत्र में इंडस्ट्री फ्रेंडली होने की यह दास्तां महज सात साल पुरानी है। इस दौरान गोरखपुर के विशिष्ट औद्योगिक क्षेत्र गीडा में मल्टीनेशनल समेत कई ऐसी बड़ी यूनिट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ जो तीन दशक पहले तक सिर्फ कल्पनाओं की बात होती थीं। बीते करीब डेढ़ साल में ही गीडा में 1100 करोड़ रुपये के निवेश वाली पेप्सिको जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनिट में कमर्शियल उत्पादन शुरू हो चुका है। इस यूनिट का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ने किया था। इसके अलावा सीएम योगी 118 करोड़ रुपये के निवेश वाली ज्ञान डेयरी की यूनिट, जल जीवन मिशन में सप्लाई देने वाली तत्वा प्लास्टिक की 110 करोड़ रुपये निवेश वाली पाइप फैक्ट्री का उद्घाटन करने के साथ 1200 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली केयान डिस्टलरी के एथेनॉल व डिस्टलरी प्लांट तथा 300 करोड़ रुपये के निवेश वाली एसडी इंटरनेशनल की प्लास्टिक रिसाइक्लिंग एवं फूड पैकेजिंग कंटेनर यूनिट का भी शिलान्यास कर चुके हैं। 50 करोड़ रुपये के निवेश से सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के इंडस्ट्रियल वेयरहाउस का निर्माण भी लगभग पूरा चुका है।

सात साल में तैयार हुआ विकास व निवेश का शानदार इको सिस्टम

गोरखपुर में विकास व निवेश की संभावनाएं हमेशा रही हैं। कारण, यह समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और नेपाल की तराई तक की आबादी के शिक्षा, चिकित्सा, कारोबार और शहरी आवासन के लिए केंद्रीय भूमिका में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस भूमिका से पहले से वाकिफ हैं। लिहाजा उन्होंने यहां इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और हर तरह की कनेक्टिविटी के साथ शिक्षा, चिकित्सा, शहरीकरण के क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट को ऊंचाई दी। निवेश का इको सिस्टम बनाने में इन तथ्यों ने, खासकर रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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उत्तर प्रदेश

पहली जुलाई से वन महोत्सव का आयोजन कराएगी योगी सरकार

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लखनऊ| योगी सरकार पहली जुलाई से वन महोत्सव का आयोजन कराएगी। यह महोत्सव सात जुलाई तक चलेगा। इस दौरान एक तरफ विरासत वृक्षों के संरक्षण पर सरकार का जोर रहेगा तो वहीं दूसरी तरफ पौधरोपण से संबंधित जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। प्रभातफेरी, नुक्कड़ नाटक समेत अनेक प्रतियोगिताओं के माध्यम से स्कूली बच्चों को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाएगा। बीते दिनों पड़ी बेतहाशा गर्मी को देखते हुए योगी सरकार का पर्यावरण संरक्षण, वर्षा जल संचयन पर भी पुनः विशेष जोर है। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से अपील की कि एक या दो फलदार पौधे अवश्य लगाकर उनका संरक्षण करें।

स्कूली बच्चों को किया जाएगा जागरूक

प्रदेश में जुलाई के प्रथम सप्ताह में होने वाले वन महोत्सव के अंतर्गत जन जागरूकता के कार्यक्रम होंगे। इसके तहत प्रभातफेरी, नुक्कड़ नाटक, चित्रकला, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता व संगोष्ठी आदि का भी आयोजन स्कूली स्तर पर होंगे। साथ ही अभियान चलाकर पर्यावरण संरक्षण, वृक्षावरण व पौधरोपण के महत्व, वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण, स्वच्छता-प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करने आदि पर जोर रहेगा।

विरासत वृक्ष वाटिका के प्रचार प्रसार पर भी नजर

वन महोत्सव के दौरान विरासत वृक्ष वाटिका के लिए प्रचार-प्रसार पर भी विभाग का जोर रहेगा। इसके साथ ही वेटलैंड्स के कैचमेंट में पौधरोपण, नदियों के संरक्षण व पुनरुद्धार के लिये नदी किनारे पौधरोपण, शहरी क्षेत्रों में भी पौधरोपण किया जाएगा। पहली से सात जुलाई तक प्रत्येक जनपदों में भी जनजागरूकता समेत वृहद स्तर पर अनेक कार्यक्रम होंगे। साथ ही केंद्र सरकार के निर्देशानुसार एक पेड़ मां के नाम भी लगाए जाएंगे।

सीएम की आमजन से अपील- कम से कम एक या दो पौधे अवश्य लगाएं

वन महोत्सव के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि इस वर्षाकाल में अपने घर-आंगन में कम से कम एक या दो फलदार पौधों का रोपण अवश्य करें। साथ ही प्रदेश में अधिक से अधिक पौध रोपित कर इनका सिंचन व सतत देखभाल भी करें।

2024 में भी 35 करोड़ पौधरोपण कराएगी योगी सरकार

वन महोत्सव के अलावा योगी सरकार यूपी को हरा-भरा रखने के लिए इस वर्ष भी 35 करोड़ पौधरोपण करेगी। इसके लिए विभागों और मंडलों के लक्ष्य पहले ही निर्धारित किए जा चुके हैं। वन-पर्यावरण विभाग 14 करोड़ तो ग्राम्य विकास विभाग सूबे में लगाएगा 12.59 करोड़ पौधे लगाएगा। वहीं सर्वाधिक लक्ष्य लखनऊ मंडल (4 करोड़) को दिया गया है।

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