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उत्तर प्रदेश

रक्षाबंधन एवं आरक्षी पुलिस भर्ती के समय चलेंगी अतिरिक्त बसें

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लखनऊ। सीएम योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम रक्षाबंधन एवं आरक्षी नागरिक पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान अतिरिक्त परिवहन सेवा सुलभ कराएगा। निगम को 18 अगस्त से 01 सितम्बर, 2024 तक (15 दिन) की अवधि में अधिक से अधिक बसों का संचालन कराने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि लोगों को रक्षाबंधन पर्व पर एवं आरक्षी पुलिस भर्ती के समय आवागमन में कोई असुविधा न हो। इस अवधि में शत-प्रतिशत बसों को आनरोड करने, बसों में आवश्यक कलपुर्जे एवं असेम्बलीज की व्यवस्था पूर्व से कराने और इस दौरान विषम परिस्थितियों को छोड़कर सभी अधिकारियों की ड्यूटी लगाने को भी निर्देशित किया गया है। कोई भी अधिकारी कार्य स्थल से बिना सूचना दिए अनुपस्थित नहीं होगा।

परीक्षार्थियों को देनी होगी एडमिट कार्ड की कॉपी

उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व पर 18 अगस्त, 2024 की मध्य रात्रि 12 बजे से 19 अगस्त, 2024 की मध्य रात्रि 12 बजे तक सभी महिलाओं को परिवहन निगम निःशुल्क परिवहन सेवा उपलब्ध कराएगी। इसी प्रकार 22 अगस्त, 2024 से 26 अगस्त, 2024 एवं 29 अगस्त, 2024 से 01 सितम्बर, 2024 को आरक्षी पुलिस भर्ती के अभ्यर्थियों को भी परिवहन निगम निःशुल्क सेवा उपलब्ध कराएगी। अभ्यर्थियों को निःशुल्क यात्रा एग्जाम डेट के 24 घंटे पूर्व से 24 घंटे पश्चात तक ही अनुमन्य होगी। आरक्षी नागरिक पुलिस भर्ती के अभ्यर्थियों को यात्रा के दौरान परिचालक को एडमिट कार्ड (प्रवेश पत्र) की छायाप्रति देनी होगी। यह अनिवार्य है। बिना छायाप्रति उपलब्ध कराए निःशुल्क यात्रा प्रदान नहीं की जाएगी। अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र की छायाप्रति आते एवम जाते दोनो तरफ परिचालक को अनिवार्यतः देनी होगी।

सभी क्षेत्रीय परिवहन निगम अधिकारियों को दिए गए निर्देश

एडिशनल एमडी परिवहन निगम राम सिंह वर्मा ने परिवहन मंत्री के निर्देश पर रक्षाबंधन पर्व पर एवं आरक्षी भर्ती के समय आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बसों का संचालन कराए जाने के निर्देश सभी क्षेत्रीय परिवहन निगम के अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस अवधि में समस्त अनुबंधित बसों का संचालन कराया जाए और कर्मचारियों की ड्यूटी रोस्टर के तहत लगाई जाए। समस्त क्षेत्रों द्वारा यात्रियों की उपलब्धता के अनुसार विभिन्न गन्तव्यों के लिए अतिरिक्त बसों का संचालन सुनिश्चित कराएं। बसों एवं बस अड्डों की साफ-सफाई बेहतर रखें। चेकिग दल मार्गों की सघन चेकिंग करे। ब्रेथ एनलाइजर के माध्यम से चालक एवं परिचालक की एल्कोहल जांच कराई जाए जिससे कि सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित हो सके। सभी स्टापेज के अलावा मार्ग के मध्य में मिलने वाले यात्रियों को भी बसों में बैठने की सुविधा मिलेगी।

एडिशनल एमडी परिवहन निगम ने बताया कि ऐसे चालक/परिचालक जिसमें संविदा के चालक परिचालक भी सम्मिलित होंगे, इस अवधि में उपस्थित होकर दैनिक रूप से बस संचालन करते हुए 4500 किमी. का संचालन पूर्ण करते हैं तो 3000 रुपए की प्रोत्साहन राशि उन्हें प्राप्त होगी। प्रोत्साहन अवधि में 14 दिवस कार्य करने एवं 4200 किमी. पूर्ण करने पर 2250 रुपए व 13 दिवस कार्य करने एवं 3900 किमी. पूर्ण करने पर 1500 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। निर्धारित किमी. से अधिक किमी. अर्जित करने पर 55 पैसे प्रति किमी. की दर से अतिरिक्त भुगतान देय होगा। इसी प्रकार डिपो एवं क्षेत्रीय कार्यशाला के तकनीकी कर्मचारी इस अवधि में प्रत्येक दिन उपस्थित होते हैं तो उन्हें एकमुश्त 1200 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी। प्रोत्साहन अवधि में 14 दिवस कार्य करने पर 1000 रुपए एवं 13 दिवस कार्य करने पर 800 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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