उत्तर प्रदेश
सैनिक स्कूल के रूप में साकार हुआ सीएम योगी के हृदय में संजोया स्वप्न
गोरखपुर। अपने संसदीय कार्यकाल से देशप्रेम, राष्ट्रीय गौरव के जिस स्वप्न को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संजो रखा था, अब वह सैनिक स्कूल के रूप में पूरी तरह साकार हो गया है। गोरखपुर के खाद कारखाना परिसर में 176 करोड़ रुपये की लागत से 49 एकड़ क्षेत्रफल में पसरा यह हकीकत गोरखपुर की उपलब्धियों में स्वर्णिम अध्याय बनकर जुड़ चुका है। गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से बना सैनिक स्कूल पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला और उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल सोसाइटी की तरफ से संचालित दूसरा सैनिक स्कूल है। शनिवार पूर्वाह्न साढ़े दस बजे इसका औपचारिक लोकार्पण सीएम योगी की मेजबानी में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति के स्वागत के लिए मुख्यमंत्री की देखरेख में जबरदस्त तैयारियां की गई हैं।
गोरखपुर में सैनिक स्कूल की स्थापना सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। इसका शिलान्यास उन्होंने 23 जुलाई 2021 को किया था। ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ के ध्येय से इस शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा 6 से 12 तक बालक-बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाने की व्यवस्था है। प्रवेश परीक्षा के जरिये कक्षा 6 और 9 में दाखिला लेने के बाद इस सैनिक स्कूल में पहली जुलाई से पढ़ाई शुरू हो चुकी है। प्रथम चरण में इस स्कूल में कक्षा 6 और 9 में 84-84 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। इनमें कुल मिलाकर 40 छात्राएं और 128 छात्र हैं। यहां छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस हैं। स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति व परंपरा का दर्शन कराते है। सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों के खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेलों के कई कोर्ट व मैदान भी विकसित किए गए हैं।
सैन्य सेवाओं में जाने के लिए पूर्वी यूपी की मेधा को मिला प्लेटफार्म
गोरखपुर का सैनिक स्कूल सीएम योगी के दिल के बहुत करीब है। इसके शिलान्यास के बाद भी वह कई बार इसके निर्माण कार्यों का भौतिक निरीक्षण करने आते रहे हैं। उन्होंने सैनिक स्कूल का उपहार देकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के मेधावियों को सैन्य सेवाओं में जाने के लिए एक सशक्त प्लेटफार्म उपलब्ध कराया है। पूर्वी उत्तर के इस सैनिक स्कूल से सैन्य सेवाओं में अवसर के लिए क्षेत्रीय संतुलन को भी बढ़ावा मिलेगा।
सैनिक स्कूल का पूरा पैटर्न सैन्योन्मुखी शिक्षा पर आधारित
सैनिक स्कूल का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास कर उन्हें भारतीय सशस्त्र सेनाओं के अधिकारी वर्ग में चयन के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के लिए तैयार करना होता है। सामान्य विद्यालयों से अलग संकल्पना वाले इस स्कूल में प्रवेश हेतु चयन प्रक्रिया में बच्चों की बौद्धिक क्षमता के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और चिकित्सकीय क्षमता का भी विशिष्ट रूप से आकलन किया जाता है। इसका पूरा पैटर्न सैन्योन्मुखी शिक्षा पर आधारित है। सैनिक स्कूल की समय सारिणी सेना में होने वाले प्रशिक्षण के अनुरूप होती है।
यूपी सैनिक स्कूल सोसाइटी के तहत स्थापित प्रदेश का दूसरा स्कूल
गोरखपुर का सैनिक स्कूल यूपी सैनिक स्कूल सोसाइटी के अंतर्गत स्थापित होने वाला दूसरा विद्यालय है। यहां 20 क्लासरूम, 4 लैब्स, छात्रावास, डायनिंग हाल, मल्टीपर्पज हाल, कांफ्रेंस हाल, 1014 सीटेड ऑडिटोरियम, योग सेंटर, इंडोर शूटिंग रेंज, इंडोर स्विमिंग पूल और सीएसडी कैंटीन की सुविधा है। इस सैनिक स्कूल में कुल प्रवेशित विद्यार्थियों को चार सदनों (हॉस्टल) में रखा गया है। इन सदनों का नामकरण शहीद भगत सिंह, शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, शहीद बंधु सिंह और रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर किया गया है। विद्यार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था अन्नपूर्णा भवन में की गई है। परिसर में क्रीड़ा गतिविधियों के लिए बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन कोर्ट बनाए गए हैं।
किसी भी क्षेत्र के लिए सैनिक स्कूल बड़ी उपलब्धि
अस्सी और नब्बे के दशक में गोरखपुर की पहचान अपराध की नर्सरी के रूप में रही है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों से बदनाम पहचान बदल गई है। अब गोरखपुर की पहचान विकास के मॉडल रूप में होती है। इस मॉडल में सैनिक स्कूल भी एक नगीने के रूप में है। वास्तव में किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है। मुख्यमंत्री का मानना है कि सैनिक स्कूल राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा। इसके जरिये छात्र फौज में अफसर बनेंगे। देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे। सैनिक स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है। सीएम योगी की मंशा है कि सैनिक स्कूल गोरखपुर किशोरों और युवाओं में राष्ट्रप्रेम, समर्पण, नेतृत्व कौशल जगाने का उत्कृष्ट मंच बने। बच्चों का शारीरिक, मानसिक और चारित्रिक विकास करते हुए समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ के रूप में दिखे।
उत्तर प्रदेश
आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़
लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।
गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।
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