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उत्तर प्रदेश

नई सड़क, सेतु या पुलिया की जरूरत हो या करानी हो पुराने की मरम्मत, जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन मिलकर तैयार करें प्रस्ताव, शासन से तुरंत मिलेगा पैसा: मुख्यमंत्री

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लखनऊ |  प्रदेश में मजरे से लेकर हर ग्राम पंचायत, कस्बे, टाउन एरिया, नगर और महानगर में बेहतरीन रोड कनेक्टिविटी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘मिशन मोड में आ गए हैं।’ मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों, विधायकों से अपने क्षेत्र में नई सड़क, बाईपास, अथवा पुल-पुलिया के निर्माण और पुराने की मरम्मत के लिए अगले 15 दिन में प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। मंगलवार को जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में, गांव हो या नगरीय क्षेत्र, सड़कें अच्छी होनी चाहिए, इसके लिए सांसद और विधायकगण को भी प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि सड़कों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। ऐसे में सभी जनप्रतिनिधि गण अपने जिले के प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में कोर कमेटी के साथ बातचीत करके जिला प्रशासन के साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार करें। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी नई सड़क की जरूरत हो, पुराने की मरम्मत करानी हो, सेतु निर्माण, रिंग रोड/बाईपास, प्रमुख/अन्य जिला मार्ग अथवा सर्विस लेन आदि की आवश्यकता हो, जनप्रतिनिधिगण प्रस्ताव भेजें, शासन स्तर से तत्काल निर्णय होगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी मजरे में मात्र 250 लोगों की आबादी है तो भी वहां पक्की सड़क की सुविधा मिलनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में बाईपास मार्ग नहीं है, वहां के जनप्रतिनिधि आवश्यकतानुसार प्रस्ताव तैयार करें। उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक अथवा पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए भी पर्याप्त बजट रखा गया है। पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए ऐसे क्षेत्रों की सड़कों का चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण किया जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक/लॉजिस्टिक पार्क/चीनी मिल परिक्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी आवश्यक है। इसी तरह, यदि कहीं भी तहसील और ब्लॉक मुख्यालय 02 लेन सड़क से नहीं जुड़ें हैं तो तत्काल सूचना देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंटरस्टेट अथवा इंटरनेशनल कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए कार्य जारी है। सीमा पर ‘मैत्री द्वार’ भी तैयार कराए जाने हैं। जनप्रतिनिधियों को इस संबंध में भी अपने प्रस्ताव देने चाहिए। बैठक में, मुख्यमंत्री ने वर्तमान में जारी सड़कों की मरम्मत, गड्ढामुक्ति के प्रदेशव्यापी अभियान को पहले चरण में 10 अक्टूबर तक सम्पन्न करने के भी निर्देश दिए। भारी वाहनों की ओवरलोडिंग के विरुद्ध कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री ने ‘जीरो पॉइंट’ पर एक्टिव रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क पर सामान्य आवागमन बाधित कर जांच करने की बजाए, जहां से वाहन चलना प्रारंभ किया है, वहीं कार्यवाही करें। बैठक में सभी ज़ोन, मंडलों, रेंज, जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों की भी उपस्थिति रही।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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