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ऑफ़बीट

MALKHAN SINGH : 23 साल की उम्र में शहीद हुआ जवान, 56 साल बाद मिला शव उनके पौत्रों द्वारा किया जाएगा अंतिम संस्कार

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सहारनपुर। सर्च ऑपरेशन के दौरान सियाचिन में 56 साल पहले विमान हादसे में बलिदान हुए वायुसैनिक का शव खोज लिया गया है। 7 फरवरी 1968 को रोहतांग दर्रे के पास 102 सैनिकों को लेकर जा रहा प्लेन क्रैश हो गया था। एयरफोर्स ने सहारनपुर के लापता वायुसैनिक मलखान सिंह के घर पर उनके शव अवशेष मिलने की सूचना भिजवाई है। खबर मिलते ही परिवार के कई दशक पहले के घाव फिर ताजा हो गए हैं। पूरा जिला शहीद मलखान सिंह के शव के गांव पहुंचने इंतजार कर रहा है।

सहारनपुर के गांव फतेहपुर में 18 जनवरी 1945 को जन्मे मलखान सिंह भारतीय वायुसेना में तैनात थे। जिस वक्त प्लेन क्रेस होने के बाद वह लापता हुए थे, तब उनकी उम्र 23 साल थी। सेना के विशेष अभियान में मलखान का शव सियाचिन के एक हिस्से से बरामद हुआ है। आर्मी के जवान थाना ननौता पुलिस के साथ मंगलवार को मलखान सिंह के घर पहुंचे और उनका शव मिलने की जानकारी दी। शव के पास से मिले बैच नंबर से उनकी पहचान संभव हुई।

अपर पुलिस अधीक्षक (देहात क्षेत्र) सागर जैन ने बताया कि चूंकि ये एक बर्फीले पहाड़ का इलाका था, इसलिए शवों की बरामदगी नहीं हो पाई थी। ये काम कितना कठिन था, इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि साल 2019 तक केवल पांच ही शव बरामद हुए थे। हालही में यहां से 4 और शव मिले थे, जिसमें से एक शव जवान मलखान सिंह का था।

ऐसे में मलखान का अंतिम संस्कार उनके पौत्रों द्वारा किया जाएगा। यहां पर हैरानी की बात ये भी है कि मलखान की मौत के बाद उनकी पत्नी शीला का विवाह उनके छोटे भाई चंद्रपाल से हो गया था। ऐसे में उनके 2 बेटे और एक बेटी हैं। गांव के लोग मलखान को अंतिम विदाई देने का इंतजार कर रहे हैं। जानकारी ये भी मिली है कि मलखान के भाई चंद्रपाल की भी मौत हो चुकी है।

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उत्तर प्रदेश

मैनपुरी में नाभि चूसकर पथरी निकालता था बाबा, दर्जनों लोग आते हैं इलाज कराने

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मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के नगला गुलालपुर में पाखंड और अंधविश्वास का गजब का खेल खेला जा रहा है। यहां एक बाबा है जो पथरी का फ्री में इलाज करता है और वो भी बगैर चीरफाड़ किए। बाबा मरीज की नाभि को मुंह से चूसकर ही पथरी का इलाज कर देता है। दर्जनों की संख्या में लोग यहां प्रतिदिन आते हैं और अपनी पथरी का इलाज कराते हैं।

नाभि से चूसकर पथरी निकालने वाला बाबा

बाबा कहां का रहने वाला है यह किसी को नहीं पता है। कुछ दिनों पहले भगतपुरी के नगला गुलालपुर में बने एक मंदिर में बाबा पहुंचता है। बाबा ने ग्रामीणों को अपनी विशेषताओं के बारे में बताया। इसके बाद लोगों ने बाबा को रहने के लिए जगह दे दी। इसके बाद से बाबा ने अंधविश्वास फैला रखा है। इसी तरह लोग बाबा को अलग-अलग स्थान पर बुलाते हैं और बाबा वहां पहुंचकर अपने अंधविश्वास की दुकान खोल लेता है। पथरी जैसी बीमारी, जिसके इलाज के लिए लोग हजारों रुपये खर्च करते हैं, बाबा बिना किसी पैसे और बिना चीरफाड़ किए ही पथरी को अपनी मुंह से बाहर निकालने का दावा करता है। इसी अंधविश्वास में आकर लोग श्रद्धा से बाबा को दान भी देते हैं।

मैनपुरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी गुप्ता ने बताया अंधविश्वास

यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक महिला पथरी की समस्या लेकर बाबा के पास पहुंची। पीड़ित महिला को पांच पथरी निकालने के बाद बाबा महिला के पति के साथ कहीं चला गया। इसके बाद से अबतक बाबा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। बाबा द्वारा पथरी निकालने का वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। मैनपुरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी गुप्ता ने बाबा द्वारा पथरी के इलाज का वीडियो देखने के बाद इस पर आपत्ति जताते हुए बाबा पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है। साथ ही मरीजों को बाबा का विरोध करने की नसीहत दी।

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