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उत्तर प्रदेश

यूपी के बहराइच जिले में पकड़ा गया आदमखोर तेंदुआ, पिंजरे में बांधी गई थी बकरी

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बहराइच। उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के सुजौली वन रेंज अंतर्गत एक गांव में मंगलवार आधी रात को एक तेंदुए ने बुजुर्ग महिला पर हमला कर दिया। बुधवार देर रात को उस तेंदुएं को वन विभाग ने पकड़ लिया है और पिंजरे में कैद कर लिया है। इस तेंदुए ने इलाके में हड़कंप मचा रखा था। 5 दिनों में इलाके में तेंदुए ने दो लोगों पर हमला कर उन्हें घायल किया। इससे लोग दहशत में थे और अपने घरों से निकलने से डर रहे थे। बुधवार को वन विभाग ने इस तेदुए को पकड़कर पिंजरे में कैद कर लिया है।

बता दें कि सुजौली वन रेंज के मजरा अयोध्या पुरवा में मंगलवार को रात करीब 12 बजे, जब बुजुर्ग महिला रहमाना मच्छरदानी लगाकर सो रही थीं, अचानक तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। महिला के चीखने पर परिजनों ने शोर मचाया, जिससे तेंदुआ खेत की ओर भाग गया। सूचना मिलने पर वन विभाग की गश्त टीम मौके पर पहुंची और घटना का जायजा लिया। घायल महिला को एंबुलेंस से सीएचसी मोतीपुर में भर्ती कराया गया है। महिला के पुत्र शरीफ सहित आसपास के कई ग्रामीणों ने वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाने की मांग की है। पांच दिन पूर्व तेंदुए ने घर में घुसकर 13 वर्षीय बालिका साईबा को घायल किया था। इन हमलों के बाद लोग दहशत में थे।

शिकार के लिए पिंजरे में बांधी गई थी बकरी

शिकार के लिए पिंजरे में बकरी बांधी गई थी। इस बार ग्रामीणों को और वन विभाग को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा। बुधवार की रात को लगे पिंजरे में रात 9 बजे के करीब तेंदुआ बकरी के शिकार के चक्कर में पिंजरे में कैद हो गया। तेंदुए के पिंजरे में कैद होने की सूचना पर ग्रामीणों में अफरा तफरी मच गई। पिंजरे में कैद तेंदुए को रेंज कार्यालय ले जाया गया है। आज सुबह जिला प्रशासन की ओर से गठित टीम द्वारा गठित डॉक्टर का पैनल तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण करेगा इसके बाद विभागीय उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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