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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में दुनिया देखेगी ‘स्मार्ट प्रयागराज का भव्य स्वरूप’

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प्रयागराज | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महाकुंभ 2025 में दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को ‘स्मार्ट प्रयागराज के भव्य स्वरूप’ का साक्षात्कार होगा। उन्होंने कहा है कि पूरी दुनिया से सनातन समाज महाकुंभ में आने तो उत्सुक है, तो पर्यटकों में भी इसे लेकर बड़ा आकर्षण है। ऐसे में हर आगंतुक को प्रयागराज में अच्छी सुविधा उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है।

रविवार को एक दिवसीय दौरे पर प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के दृष्टिगत प्रयागराज में जारी सभी निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और जारी परियोजनाओं को तय मानकों के अनुरूप पूरी गुणवत्ता के साथ, निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों को उत्कृष्ट सुरक्षा और विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध हो, इसके लिए प्रयागराज में अनेक निर्माण कार्य चल रहे हैं। निर्माण कार्यों के बीच प्रयागराज के स्थानीय निवासियों की सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रयागराज वासियों ने जिस तरह कुंभ 2019 में दुनियाभर से आये 25 करोड़ श्रद्धालुओं, पर्यटकों के लिए आतिथ्य का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया था, उसी प्रकार, इस बार भी व्यवस्था बनाने में हर नगरवासी का सहयोग प्राप्त होगा।

इससे पहले, परेड स्थित हेलीपैड पर उतरने के बाद मुख्यमंत्री सबसे पहले मोटरबोट से संगम नोज पहुंचे, जहां उन्होंने गंगा, यमुना, सरस्वती के पावन संगम स्थली का दर्शन-पूजन किया। जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने संगम के विशाल स्नान क्षेत्र का अवलोकन भी किया।

पवित्र अक्षयवट, पातालपुरी एवं सरस्वती कूप का दर्शन करने के उपरांत मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार भी अक्षयवट, पातालपुरी और सरस्वती कूप के दर्शन का पुण्य लाभ सुगमता से प्राप्त हों, इसके लिए यहां अच्छे प्रबंध होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने किले के भीतर जारी विकास कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने लेटे हुए हनुमान जी का भी दर्शन किया और कुंभ के सफल आयोजन के लिए प्रार्थना की।

दोपहर बाद भारद्वाज आश्रम पहुंचे मुख्यमंत्री ने यहां जारी विकास कार्यों का निरीक्षण किया, वहीं आईईआरटी सेतु का निरीक्षण करते मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के दृष्टिगत सेतु निर्माण कार्य को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करने के इस मैराथन भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने आदि वेणीमाधव मंदिर का भी दर्शन-पूजन किया, साथ ही, लेप्रोसी रोड चौराहा से नैनी रेलवे स्टेशन रोड तक तथा छिवकीं रेलवे स्टेशन रोड का निरीक्षण भी किया।

शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती जी महाराज से मुख्यमंत्री ने की भेंट

● प्रयागराज आगमन के विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने पूज्य शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती जी महाराज से भी भेंट की और महाकुंभ आयोजन की तैयारियों से अवगत कराया। लगभग 20 मिनट तक चली इस भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य जी से कहा कि राज्य सरकार, पूज्य संतगणों की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए सभी आवश्यक प्रबंध कर रही है। महाकुंभ 2025, कुंभ 2019 से भी अधिक दिव्य और भव्य होगा। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में समय-समय पर पूज्य संतगणों का मार्गदर्शन भी अपेक्षित है।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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