उत्तर प्रदेश
प्रयागराज में सनातन भावनाओं का सम्मान, महाकुंभ में नहीं होगी मांस-मदिरा की बिक्री: मुख्यमंत्री
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा की बिक्री नहीं होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज में सभी 13 अखाड़ों, खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा और आचार्यबाड़ा परंपरा के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की उपस्थिति में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का आयोजन सनातन धर्म के ध्वजवाहक अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के निर्देशन में उनके ही द्वारा किया जाता है। राज्य सरकार, इसमें सहयोगी है और दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुगण अतिथि हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में पूरी दुनिया करेगी सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार करेगी। सनातन परंपरा के सम्मान के लिए सरकार समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साधु-संतों, संन्यासियों, वैरागियों सहित समस्त सनातन समाज की भावनाओं का सम्मान रखते हुए प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा का क्रय-विक्रय प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक है।
रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ मेला क्षेत्र में संत समाज के साथ संवाद कर रहे थे। इस बैठक में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि तथा खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा और आचार्यबाड़ा परंपरा के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की उपस्थिति रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पावन त्रिवेणी संगम में स्नान की अभिलाषा लिए महाकुंभ आने वाले हर संत और श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा-यमुना के दर्शन होंगे। पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन साधु-संत समाज का सहयोग भी अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाकुंभ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में शीघ्र ही भूमि आरक्षित कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन में ही सनातन समाज का उत्कर्ष संभव है। महाकुंभ 2025, कुंभ 2019 से भी अधिक भव्य हो, इसके लिए सभी को योगदान करना होगा। संतों की कृपा और प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज अयोध्या, वाराणसी और ब्रजधाम के नए स्वरूप का दर्शन पूरी दुनिया कर रही है। विशेष अवसर पर ब्रह्मलीन नरेंद्र गिरी जी महराज की स्मृति को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज लेटे हुए हनुमान जी मंदिर के पास कॉरीडोर का निर्माण भी हो रहा है। उन्होंने सभी संतों से स्वच्छ महाकुंभ के अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि स्वच्छता के संकल्प के लिये यह सभी के लिए उचित होगा कि प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग न किया जाए।
संत समाज की ओर से गो-हत्या पर प्रतिबंध की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गोहत्या अपराध है। गोहत्या के विरुद्ध उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही, राज्य सरकार 07 हजार से अधिक गोवंश आश्रय स्थल का संचालन कर रही है, जहां 14 लाख से अधिक गोवंश संरक्षित है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामान्य लोगों को भी गोसेवा से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि गोवंश संरक्षण के इस सेवाकार्य को आगे बढ़ाने में संत समाज का सहयोग अपेक्षित है। यह सर्वथा उचित होगा कि सभी आश्रमों में गोवंश संरक्षण स्थल का विकास हो। हर आश्रम में गोसेवा हो।
महाकुंभ में सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी संतों-संन्यासियों, आचार्यों से अनुरोध किया कि अपने आश्रम में तब तक किसी को प्रवास की अनुमति न दें जब तक कि उनका विधिवत सत्यापन न कर लिया जाए।
इससे पहले वैदिक मंत्रोच्चार और सनातन धर्म की जयघोष के बीच मुख्यमंत्री ने एक-एक सभी पूज्य साधु-संतों, आचार्यों को अंगवस्त्र पहना कर अभिनंदन किया। संतगणों के समक्ष महाकुंभ 2025 के प्रबन्धन एवं व्यवस्थाओं के संबंध में एक लघु फिल्म का प्रस्तुतीकरण भी किया गया।
संगम तट पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित अखाड़ों एवं साधु-संतों के साथ संवाद के इस कार्यक्रम में सभी 13 अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के साधु-संतों, आचार्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन धर्मध्वज के रक्षक हैं, जिनके नेतृत्व में आज सनातन समाज गौरवान्वित हो रहा है। संतों ने कहा कि योगी जी पहले मुख्यमंत्री हैं, जो महाकुंभ के विषय में साधु-संतों, आचार्यों से इस तरह से सीधे संवाद कर रहे हैं और उनकी समस्याओं/सुझाओं को सुनकर लिपिबद्ध कर रहे हैं। साधु-संतों, आचार्यों के लिए यह अवसर अतुलनीय है। संत गणों ने महाकुंभ-2025 की तैयारियों पर संतुष्टि जताई। साथ ही कहा कि मेला क्षेत्र में चल रही तैयारियों को देखकर यह साफ हो जाता है कि महाकुंभ-2025 प्रयागराज में पूर्व में आयोजित हुए सभी अर्धकुंभ/महाकुंभ से भव्य एवं दिव्य होगा। अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री योगी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया में तनाव व्याप्त है। एक देश, दूसरे देश के साथ युद्ध को आतुर हैं। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में आयोजित होने वाला महाकुंभ-2025 पूरे विश्व को शांति का संदेश देने वाला होगा। पूरा संत समाज इसमें अपना योगदान करने को आतुर है। अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने संत समाज की सुरक्षा के अच्छे प्रबंध की भी अपेक्षा जताई।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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