Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

यूपीनेडा के 736 करोड़ रुपए के 21 निवेश प्रस्तावों को योगी सरकार ने दी स्वीकृति

Published

on

Loading

लखनऊ। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में जैविक ऊर्जा को प्रोत्साहित कर रही है। इससे संबंधित निवेश प्रस्तावों को लगातार स्वीकृति प्रदान की जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को नवीन एवं नवीकरणीय विभाग की 21 परियोजनाओं को राज्य स्तरीय समिति का अनुमोदन मिल गया। इस प्रकार कुल 53 जैव ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जिसकी कुल निवेश लागत 2525 करोड़ रुपए है। उल्लेखनीय है कि यूपीनेडा को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग सात लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इसमें से लगभग 57 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 के तहत बायो ऊर्जा क्षेत्र के हैं। इस क्रम में कंप्रेस्ड बायोगैस, बायो डीजल तथा बायोकोल के प्लांट्स की स्थापना के लिए 198 प्रस्तावों को यूपीनेडा द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

सीबीजी में देश में नंबर वन है यूपी

प्रमुख सचिव अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति ने मंगलवार को 21 प्रस्तावों को स्वीकृत किया। बैठक में परियोजनाओं के लिए भूमि, बैंक लोन, फीड स्टॉक की उपलब्धता तथा ऑफटेक आदि से संबंधित समस्त कार्यवाहियां पूर्ण होने पर स्वीकृति दी गई। 736.80 करोड़ रुपए की इन 21 परियोजनाओं में कंप्रेस्ड बायोगैस, बायो पैलेट तथा बायो डीजल के उत्पादन संयंत्रों की स्थापना सुनिश्चित की जाएगी। इनमें सर्वाधिक 722.68 करोड़ रुपए की 16 परियोजनाएं सीबीजी से जुड़ी हैं। इसी तरह 9.22 करोड़ की 2 परियोजनाएं बायोडीजल और 4.90 करोड़ की 3 परियोजनाएं बायोकोल से संबंधित हैं। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश 210 टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता के साथ सीबीजी के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है।

जमीन और बायोमास की उपलब्धता की गई सुनिश्चित

इन 21 परियोजनाओं से प्रतिदिन 110 टन सीबीजी, 92 टन बायो पैलेट तथा 100 किलो लीटर बायोडीजल के उत्पादन का सृजन होगा। बैठक में बताया गया कि निवेशकर्ताओं द्वारा प्लांट के उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए मौके पर आवश्यक जमीन तथा पर्याप्त बायोमास की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है। वित्त पोषण के लिए भी विभिन्न बैंकों से स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। इन संयंत्रों से उत्पादित होने वाले उत्पादों के आगामी विक्रय के लिए विभिन्न संस्थाओं से भी अनुबंध कर लिया गया है।

Continue Reading

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending