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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार का केले को कुशीनगर का ओडीओपी घोषित करना कुशीनगर की अनीता के लिए संजीवनी बना

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लखनऊ। कुशीनगर की अनीता राय वैश्विक महामारी कोविड 19 के पहले एक सामान्य गृहिणी थी। पति राजनारायन राय का अच्छा खास पोल्ट्री फार्म था। उससे होने वाली आय से जीवन अच्छा गुजर रहा था। पर कोरोना के कारण लगे लॉक डाउन से आपूर्ति चेन टूटने से कारोबार बर्बाद हो गया। घाटा इतना कि उबरने की कोई सूरत नहीं। पर जीवन चलाने को कुछ करना ही था।

काम आया चेन्नई का अनुभव

बात 2022 की है। पति ,पत्नी में नए कारोबार के बाबत बात हुई। चूंकि अनीता की पैदाइश, परवरिश और शिक्षा चेन्नई में हुई थी। वहां उन्होंने केले की तमाम प्रजातियां भी देखी थीं। साथ ही उनके हर चीज (कच्चा पक्का फल, फूल,पत्ता और तना ) का उपयोग भी। तब तक योगी सरकार केले को कुशीनगर को एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी )घोषित कर चुकी थी। ऐसे में तय हुआ कि केले के उत्पादों पर फोकस किया जाय। पति ने कहा तो इसमें आप भी सहयोग करिए।

इसके बाद पति पत्नी दोनों दक्षिण भारत के उन जगहों पर गए जहां केले के प्रसंस्करण से उत्पाद बनते हैं। इसी क्रम में वह लोग भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबद्ध त्रिची (केरल) स्थित राष्ट्रीय केला अनुसंधान केंद्र भी गए। वहां इन लोगों ने केले से बनने वाले 70/80 उत्पादों का लाइव डिमॉन्सट्रेशन देखा। काम अच्छा लगा। वापस आकर खुद इस संबंध में एक प्रेजेंटेशन तैयार किया। इसे जिला उद्योग केंद्र के
महाप्रबंधक अनिल शुक्ला के सामने प्रस्तुत किया। उनको प्रेजेंटेशन अच्छा लगा। उनके जरिए यह सीडीओ आनंद सिंह
और डीएएम अनिल कुमार सिंह तक पहुंचा। सबकी तारीफ से हौसला मिला। लिहाजा काम शुरू हुआ और चल भी निकला। सरकार और स्थानीय प्रशासन का उनको भरपूर सहयोग मिलता है। खासकर जिले की आकांक्षा समिति। योगी सरकार द्वारा केले को कुशीनगर का ओडीओपी घोषित करना उनके लिए संजीवनी बन गया। हालांकि अनीता ने अभी तक सरकार से कोई आर्थिक सहयोग नहीं लिया है,पर कहती हैं कि सरकार और स्थानीय प्रशासन के सहयोग का मेरे कारोबार के विस्तार में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।

बतौर मास्टर्स ट्रेनर्स 600 लोगों को दे चुकी हैं ट्रेनिंग, साल में करीब 2200 रोजगार दिवस का सृजन भी

आज वह बतौर मास्टर ट्रेनर करीब 600 लोगों को केले के प्रसंस्कृत उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दे चुकीं है। उनके यहां औसतन 6 महिलाएं रोज काम करती हैं। इस तरह वह साल भर में स्थानीय स्तर पर लगभग 2200 रोजगार दिवस सृजन करती हैं।

केले से तैयार होने वाले उत्पाद

आज औषधीय महत्व के नाते अनीता की फर्म द्वारा बनाए गए केले के तने के जूस की भारी डिमांड है। उनके जूस के कद्रदान उड़ीसा, पंजाब, नेपाल, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु भी हैं। उनके द्वारा तैयार केले के छिलके और डंठल का आचार, आटा, सेवई, चिप्स आदि की भी ठीकठाक मांग है।

केले के तने से मीठा और शूगर फ्री जूस के अलावा। वह कच्चे केले से नमकीन, आटा, सेवई, बचे हुए छिलके का आचार,केले के फूल का आचार आदि बनाती हैं। हर चीज के उपयोग के जरिए उनकी यूनिट जीरो वेस्ट पैदा करती है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 विशेष: 45 करोड़ लोगों के संगम स्नान के लिए बना त्रिस्तरीय सुरक्षा चक्र

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प्रयागराज: महाकुम्भ 2025 को सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में 45 करोड़ लोगों के संगम स्नान का पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है। इसके लिए जल पुलिस के लिहाज से त्रिस्तरीय सुरक्षा चक्र बनाया गया है जिसमें बाकायदा एक-एक श्रद्धालु पर फोकस किया जाएगा। वीआईपी मूवमेंट वाले किला घाट पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। यहां पर स्पेशल फोर्स की तैनाती की जा रही है, जिससे देश-विदेश से आने वाले एक भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की दिक्कत न होने पाए। यही नहीं, सरस्वती घाट से लेकर संगम घाट तक कड़ी सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जा रहे है। यहां डीप बैरिकेडिंग की जा रही है। इसके अलावा घाट पर चौतरफा जाल लगाने का काम अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है।

श्रद्धालुओं की हिफाजत को तैनात रहेगी स्पेशल फोर्स

किला थाना की जल पुलिस के प्रभारी जनार्दन प्रसाद साहनी ने बताया कि महाकुम्भ से पहले ही एक-एक बोट की जांच की जा रही है। इसके लिए टेस्टर बोट की व्यवस्था की गई है। सबसे पहले टेस्टर बोट किसी भी बोट की जांच करेगी। पूरी तरह से संतुष्टि मिलने के बाद ही पानी में कोई बोट उतारी जाएगी। संगम नोज से किलाघाट तक सुरक्षा का व्यापक इंतजाम किया जा रहा है। इसके लिए पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान मिलकर श्रद्धालुओं की हिफाजत में तैनात रहेंगे।

लाल पट्टी करेगी श्रद्धालुओं को सतर्क

जनार्दन प्रसाद साहनी ने बताया कि महाकुम्भ के दौरान स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं के बाहर निकलने में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आने पाए, इसके लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं। नाव पर एक विशेष प्रकार की लाल पट्टी लगाई जाएगी, जो पर्यटकों को सतर्क करेगी।

पुलिस का झंडा लगी नाव 24 घंटे करेगी श्रद्धालुओं की निगहबानी

महाकुम्भ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा में कोई भी परेशानी न होने पाए, इसके विशेष इंतजाम किए गए हैं। यहां संगम में स्नान करने वाले लोगों की निगहबानी के लिए पुलिस का झंडा लगी नाव 24 घंटे तैनात रहेगी। किसी भी खतरे का अंदाजा होते ही पलक झपकते सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचेंगे।

एक-एक घाट को जांच के बाद ही श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अफसरों को स्पष्ट निर्देश है कि महाकुंभ में आने वाले एक भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। इस लिहाज से एक-एक घाट को बाकायदा जांचने के बाद ही उसे श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। अरैल, झूसी, फाफामऊ व सोमेश्वर घाट पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। रसूलाबाद से किला घाट और ककहरा घाट तक स्नानार्थियों के लिए हर तरह के वाजिब इंतजाम किए जा रहे हैं।

इस तरह से काम करेगा त्रिस्तरीय सुरक्षा चक्र

जल पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किया है। इसके तहत त्रिस्तरीय सुरक्षा चक्र बनाया गया है। पहली टीम क्राउड मैनेजमेंट के लिए घाट के बाहर तैनात रहेगी। वहां अत्यधिक भीड़ होने पर श्रद्धालुओं को अलग-अलग रास्ते से डायवर्ट किया जाएगा। दूसरा सुरक्षा चक्र स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नाव पर तैनात रहेगा। इसके साथ ही कोई भी सुविधा होने पर तत्काल जरूरतमंद लोगों तक आसानी से फोर्स पहुंच जाएगी। तीसरा सुरक्षा चक्र स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर जाने में मदद के लिए तैनात रहेगी।

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