उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में श्रद्धालुओं को होंगे अमृत कलश के दर्शन
प्रयागराज | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस बार प्रदेश सरकार महाकुंभ को पिछले सभी कुंभ से ज्यादा विराट, भव्य और दिव्य बनाने के लिए प्रयागराज में चौबीस घंटे काम कर रही है। इसी क्रम में इलाहाबाद संग्रहालय प्रयागराज ने महाकुंभ की भव्यता को नया रूप देने की योजना बनाई है। संग्रहालय ने महाकुंभ के दौरान कलश से टपकती अमृत की बूंद के दृश्य को प्रतिकृति के रूप में प्रदर्शित करने का फैसला किया है। भारतीय कला व संस्कृति को प्रदर्शनी के द्वारा प्रदर्शित करने के लिए बाकायदा मेला प्रशासन से लगभग 12 हजार वर्ग फिट जमीन की डिमांड भी की गई है।
सेल्फी प्वाइंट के रूप में होगा विकसित
संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डॉ. राजेश मिश्रा के अनुसार महाकुंभ के दौरान संग्रहालय की तरफ से स्थापित अमृत कलश देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। अमृत टपकता कुंभ श्रद्धालुओं के लिए सेल्फी प्वाइंट के तौर पर विकसित किए जाने की योजना है। महाकुंभ के पौराणिक महत्व को देखते हुए ही इस बार अमृत कलश की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
क्रांतिकारियों की गाथा का प्रदर्शन
इसके साथ ही इलाहाबाद संग्रहालय प्रयागराज ने दुनिया की पहली ऐसी वीथिका का भी निर्माण किया है, जहां सन 1857 से लेकर आजादी मिलने तक सभी प्रमुख क्रांतिकारियों की गाथा का प्रदर्शन किया गया है। जिसमें देश की आजादी के लिए लड़ने वाले गरम दल के लगभग सभी क्रांतिकारियों को प्रदर्शित किया गया है।
90 साल की क्रांति का सजीव चित्रण
इलाहाबाद संग्रहालय ने 90 साल की क्रांति को जीवंत रूप दिया है। यहां मंगल पांडे से लेकर चंद्रशेखर आजाद तक लगभग सभी बड़े आजादी के परवानों के बारे में लोगों को जानने को मिलेगा। डिजिटल और आलेखों से बनी यह दुनिया की पहली वीथिका है, जहां एक साथ इतने क्रांतिकारियों को नमन करने और उनकी खूबियां जानने का अवसर मिलेगा। 1857 से लेकर 1947 तक देश पर न्योछावर एक एक वीर का इतिहास जानकर लोग दंग रह जाएंगे।
उत्तर प्रदेश
टीबी नोटिफिकेशन में इस साल भी सबसे आगे योगी सरकार, लक्ष्य के करीब पहुंचा उत्तर प्रदेश
लखनऊ | योगी सरकार ने ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान कर इलाज करने में एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। योगी सरकार ने पिछले वर्ष की तरह इस वित्तीय वर्ष में भी उत्तर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य में अन्य प्रदेशों की तुलना में आगे चलने का कीर्तिमान दर्ज किया है। योगी सरकार को इस साल 6.5 लाख मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य मिला था। अक्तूबर माह की समाप्ति तक लक्ष्य के सापेक्ष 86 प्रतिशत मरीजों की पहचान कर देश में पहले स्थान पर है जबकि दूसरे स्थान पर महराष्ट्र है, जहां पर 1,85,765 मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया। इसी तरह बिहार तीसरे स्थान पर है, जहां 1,67,161 मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया है। यानी इस साल भी बीते साल की तरह प्रदेश लक्ष्य से ऊपर टीबी नोटिफिकेशन कर लेगा।
लखनऊ, गोरखपुर में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को नोटिफिकेशन रहा बराबर
विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का चिन्हिकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को साल की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था। बीते साल यह 5.5 लाख का था। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 अक्तूबर तक प्रदेश में पांच लाख 59 हजार टीबी मरीजों की पहचान की जा चुकी है। इसमें प्राइवेट डाॅक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। दो लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाॅक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं। आगरा, मथुरा, झांसी, कानपुर, मेरठ व मुरादाबाद में तो प्राइवेट डाक्टरों ने सरकारी डाॅक्टरों से भी ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, गोरखपुर व बरेली में सरकारी व प्राइवेट नोटिफिकेशन बराबर का रहा है।
बीते साल भी प्रदेश ने लक्ष्य के सापेक्ष 115 प्रतिशत किया था टीबी नोटिफिकेशन
राज्य टीबी अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने बताया कि सीएम योगी मंशा के अनुरुप वर्ष 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। इसी का नजीजा है कि इस वर्ष भी प्रदेश टीबी नोटिफिकेशन में अन्य प्रदेशों की तुलना में आगे चल रहा है। काबिले गौर है कि केंद्र द्वारा दिए गए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा तरह-तरह के प्रयास किए गए हैं। इनमें हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान का बार-बार चलाया जाना प्रमुख है। यही कारण है कि बीते साल भी प्रदेश ने लक्ष्य के सापेक्ष 115 प्रतिशत टीबी नोटिफिकेशन किया था। वर्ष 2023 में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य 5.5 लाख था जिसके सापेक्ष प्रदेश ने 6.33 लाख मरीज खोजे थे।
यहां प्राइवेट नोटिफिकेशन बढ़ने की जरूरत
टीबी उन्मूलन के लिए प्रदेश में ज्यादातर जनपदों में प्राइवेट डाक्टर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं लेकिन कुछ जनपद ऐसे भी हैं जहां प्राइवेट नोटिफिकेशन बहुत कम हो रहा है। जैसे श्रावस्ती में इस साल सिर्फ 38 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इसके अलावा महोबा में सिर्फ 215, संतरवीदास नगर में 271, हमीरपुर में 277, कन्नौज में 293, सोनभद्र में 297, चित्रकूट में 312, सुलतानपुर में 370, अमेठी में 392 और कानपुर देहात में सिर्फ 395 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।
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