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उत्तर प्रदेश

उत्तराखंड से पलायन बढ़ना काफी चिंताजनक : योगी आदित्यनाथ

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नई दिल्ली| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अंबेडकर भवन में आयोजित उत्तराखंड के कार्यक्रम रैबार-2 में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा, उत्तराखंड में लगातार पलायन का बढ़ना काफी चिंताजनक है। योगी ने कहा, जहां हर तरफ आबादी बढ़ रही है, वहीं उत्तराखंड में लगातार आबादी कम हो रही है, इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है और पलायन को रोकने के लिए कदम उठाए जाने होंगे। उन्होंने कहा, उत्तराखंड में बहुत सारी संभावनाएं हैं, जिनके माध्यम से पलायन रोका जा सकता है।

स्प्रिचुअल और एडवेंचर टूरिज्म को दें बढ़ावा

मुख्यमंत्री योगी ने कहा, उत्तराखंड में स्प्रिचुअल और एडवेंचर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में बहुत सारे धार्मिक स्थल हैं। देश और दुनिया में कौन-सा ऐसा सनातनी स्वावलंबी होगा, जो केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री नहीं जाना चाहता है। हर कोई जाना चाहता है, इसीलिए इसको एक पर्यटन के तौर पर विकसित किया जाए, इसके अलावा उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा सकता है, क्योंकि वहां हर तरफ सुंदर पहाड़ हैं। मैदानी लोगों को इस तरफ आकर्षित किया जा सकता है।

सोलर एनर्जी को दे सकते हैं बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा, उत्तराखंड के लोगों के सामने रोजगार बहुत बड़ा मुद्दा है। उनकी मजबूरी है कि उन्हें रोजगार और सुविधा के लिए पलायन करना पड़ता है। योगी ने कहा, उत्तराखंड में सोलर एनर्जी को भी बढ़ावा दिया जा सकता है और उत्तराखंड के दक्षिण में जितनी भी पहाड़ियां हैं, उन्हें सोलर एनर्जी का माध्यम बनाया जा सकता है।

वनों के कटान और आग की घटनाओं पर चिंता जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा, वनों के कटान और वनों में लगने वाली आग को भी रोकने के लिए कदम उठाएं जाने चाहिए। उन्होंने कहा, ये उत्तराखंड की संपदा हैं, उनके दोहन के सभी को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा, अगर इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे तो निश्चित रूप से ये संपदा राज्य की खूबसूरती में चार चांद लगाती रहेंगी।

देश और दुनिया के लिए ‘उत्तराखंड’ नर्सरी की तरह

योगी ने कहा, उत्तराखंड देवभूमि और नैसर्गिक सुंदरता के रूप में ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यह देश और दुनिया के लिए एक नर्सरी की तरह भी है, क्योंकि उत्तराखंड के लोग देश और दुनिया के हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं, जहां भी वो कार्यरत हैं, उन्होंने पूरे परिश्रम और ईमानदारी से काम किया है।

योगी रामराज्य और हिल मेल का किया विमोचन

यूपी के मुख्यमंत्री ने इस दौरान उनके पहले कार्यकाल पर लिखी पुस्तक योगी रामराज्य और हिल मेल का विमोचन भी किया। कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ पर बनी एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई।

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उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

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लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

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