मुख्य समाचार
अयोध्या नगर निगम की मशीनरी हुई ‘स्मार्ट’, करोड़ों के सफाई मशीन की मिली सौगात
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या नगर निगम दिन दूना रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। बुधवार को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर निगम में पहुंची करोड़ों की लागत की मैकेनाइज्ड व स्वीपिंग मशीनों वाली 25 वाहनों की सौगात अयोध्यावासियों को दी। उन्होंने वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अयोध्या धाम में रामकथा पार्क के निकट लोकार्पण कार्यक्रम के समय महापौर गिरीशपति त्रिपाठी व नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, विधायक राम चन्द्र यादव मौजूद रहे।
भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि अयोध्या नगरी पहुंचने वाले किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार का कष्ट नहीं होना चाहिए। उन्होंने यहां की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने का निर्देश दिया था। इसे देखते हुए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इन वाहनों की खरीद हुई है। मौके पर मौजूद नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने कहा कि इन मशीनरी के बेड़ों के नगर निगम में शामिल होने के बाद शहर की सफाई व्यवस्था और भी मजबूत हो जाएगी।
5.57 करोड़ में मोबाइल एफएसएसएम वेहिकल
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 5.57 करोड़ की लागत से इस मशीन की खरीदारी की गई है। इससे सेप्टिक टैंकों की सफाई की जा सकेगी। इसमें सेप्टिक टैंकों के फ्लिकल स्लज को साइट पर ट्रीटमेंट किया जा सकेगा।
18.62 करोड़ से 6 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन मिली
राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत 6 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन खरीदी गई है। सफाई व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए मानव श्रम के स्थान पर इन मशीनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
1.44 करोड़ की लागत से 18 हॉपर टिपर
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ही इनकी खरीद की गई है। इनके माध्यम से क्षेत्र की सफाई व्यवस्था और कूड़ा उठान में मदद मिलेगी।
मुख्य समाचार
महाकुंभ में पहली बार तैनात होंगे ऑल-टेरेन व्हीकल
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और हरित महाकुंभ बनाने के लिए संकल्पित योगी सरकार अनेक उपाय कर रही है। इसी क्रम में पहली बार महाकुंभ में ऑल टेरेन व्हीकल तैनात किया जा रहा है। यह व्हीकल मेला क्षेत्र में कहीं भी आग की घटना होने पर चंद सेकेंड्स में घटनास्थल पर पहुंचकर आग पर काबू पा सकेगा। यह फायर एस्टींगुशर समेत तमाम अत्याधुनिक फायर सेफ्टी डिवाइसेज से लैस होगा। रेत, दलदल और छिछले पानी में भी यह पूरी रफ्तार से दौड़ सकेगा। अग्निशमन विभाग के ट्रेन्ड फायरकर्मी इस पर सवार होकर पूरे मेला क्षेत्र में आपात स्थिति पर नजर रखेंगे। इसे पहली बार महाकुंभ में उपयोग में लाया जाएगा। इसके लिए चार ऑल-टेरेन व्हीकल्स प्रयागराज पहुंच चुके हैं और अग्निशमन कर्मियों को इसकी राइडिंग और उपयोग की ट्रेनिंग दी जा रही है। सीएम योगी 25 नवंबर को इन चारों व्हीकल्स समेत अन्य डिवाइसेज को हरी झंडी दिखा सकते हैं। इलेक्ट्रिक बैट्री से संचालित होने वाला यह व्हीकल सीएम योगी के सुरक्षित और हरित महाकुंभ के संकल्प को साकार करेगा।
जर्मनी से प्रयागराज पहुंचे चारों व्हीकल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं (यूपी फायर सर्विसेज) की ओर से मेला क्षेत्र को जीरो फायर इंसिडेंट जोन बनाने की व्यापक तैयारी की गई है। ऑल-टेरेन व्हीकल उसी तैयारी का हिस्सा है। प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि चार ऑल-टेरेन व्हीकल्स को जर्मनी से प्रयागराज लाया गया है। लगभग ढाई करोड़ की लागत वाले इन व्हीकल्स को सीएम योगी स्वयं हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इन व्हीकल्स की तैनाती से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि महाकुंभ मेला प्रारंभ होने के बाद क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी सुचारू रूप से फायर सेफ्टी सर्विसेज का परिचालन किया जा सके। उन्होंने बताया कि वाहन में पानी की टंकियां, नल और पंप सहित अग्निशमन उपकरण लगे हैं, जिससे अधिकारी आग लगने पर तुरंत कार्रवाई कर सकेंगे। यह त्वरित कार्रवाई आग को फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण है, खासकर शुरुआती चरणों में।
आग बुझाने की प्रभावी क्षमता
उन्होंने कहा कि इसमें नॉर्मल एस्टींगुशर के साथ एयर कंप्रेसर और वैमपैक फायर एस्टींगुशर भी है। इसमें गन से 9 लीटर तक पानी का छिड़काव किया जा सकता है। इसमें 8 लीटर पानी और एक लीटर केमिकल होता है जो छिड़काव के बाद फोम बन जाता है। फ्लोरीन-मुक्त फोम में आग बुझाने की प्रभावी क्षमता होती है। यह आग को तेजी से बुझा सकता है। यह ज्वलनशील तरल पदार्थ की आग को भी दबा सकता है और दोबारा आग लगने से रोक सकता है, जिससे यह पारंपरिक फोम का एक विश्वसनीय विकल्प बन जाता है। इसकी डिस्चार्ज डिस्टेंस 45 फीट तक होती है, जिससे सिस्टम ऑपरेटर और आग के बीच सुरक्षित दूरी बनी रहती है। इसमें 75 फीट की नली होती है जो उपयोगकर्ता को किसी भी दिशा में यूनिट के 100 फीट के भीतर आग तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। यह दूरी ऑपरेटर और फायरमैन को विकिरण गर्मी और जहरीली गैसों से भी सुरक्षा प्रदान करती है। यह वाहन अग्निशामकों और प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं के लिए अधिक सुरक्षित है। यह बायोडिग्रेडेबल और ग्रीन शील्ड प्रमाणित भी है। फ्लोरीन-मुक्त फोम वाले वाहनों का उपयोग करने के लिए अग्निशमन कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
भीड़भाड़ वाले इलाकों में आसान होगी पहुंच
उन्होंने बताया कि आग से जुड़ी ज्यादातर बड़ी घटनाओं में, कर्मियों को अक्सर भीड़भाड़ वाले इलाकों का सामना करना पड़ता है, जिससे आग बुझाने के प्रयासों में बाधा आती है। उन इलाकों में दमकल गाड़ियों को ले जाना या उनका संचालन करना मुश्किल होता है। इसके परिणामस्वरूप काफी समय बर्बाद होता है। हम एक ऐसा समाधान चाहते थे जिससे हम भीड़भाड़ वाले इलाकों में जल्दी पहुंच सकें और तुरंत ऑपरेशन शुरू कर सकें। महाकुंभ में जब सभी क्षेत्रों में भारी भीड़ मौजूद रहेगी तब आपातकाल स्थितियों में यह वाहन चंद सेकेंड्स में घटनास्थल पर पहुंच सकेंगे। त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए तेजी से चलने की क्षमता के साथ, यह वाहन विभिन्न प्रकार की आग बुझाने में सक्षम होंगे। यह वाहन रेत, कीचड़ और उबड़ खाबड़ इलाकों के साथ-साथ छिछले पानी में भी चलने में सक्षम है। रेत पर जब वाहन फंस जाता है तब यह बूस्ट मोड में काम करता है जिससे इसके चारों पहिए काम करने लग जाते हैं। यह मात्र 4 घंटे में ही चार्ज हो जाता है और 8 घंटे तक काम करता है। यह 60 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है।
-
नेशनल2 days ago
गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात
-
खेल-कूद3 days ago
ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे टी20 मुकाबले में भी पाकिस्तान को पीटा
-
छत्तीसगढ़2 days ago
CRPF 241 बस्तियां बटालियन पहुंचे सीएम विष्णु देव साय, जवानों को भोजन परोसा, बढ़ाया हौसला
-
प्रादेशिक2 days ago
कक्षा 12 के छात्रों ने शिक्षिका की कुर्सी के नीचे लगाया बम, कर दिया विस्फोट
-
मनोरंजन2 days ago
असित मोदी के साथ झगड़े पर आया दिलीप जोशी का बयान, कही ये बात
-
वीडियो2 days ago
video: भगवान ऐसा दोस्त किसी को ना दे
-
उत्तराखंड1 day ago
उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर अपनाया सख्त रुख