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एनआरआई व विदेशी पर्यटकों के लिए सुविधाओं के उच्चतम प्रतिमान गढ़ रहा महाकुम्भ-2025
महाकुम्भनगर। सकल विश्व में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के तौर पर विख्यात कुम्भ मेला अब महाकुम्भ 2025 के नए स्वरूप में सनातन संस्कृति की शाश्वत प्रकृति को दर्शाने के लिए तैयार है। यह मोक्ष, आत्मिक-आध्यात्मिक उन्नति, स्व से साक्षात्कार के साथ ही एक ऐसा अनुभव होने जा रहा है जिसे हर किसी को जीवन में एक बार जरूर अनुभव करना चाहिए। न केवल समूचे भारत बल्कि पूरी दुनिया से 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक इस महासमागम के साक्षी बनने संगमनगरी तीर्थराज प्रयागराज आ रहे हैं। धवलवर्णा गंगा-श्यामल वर्णा यमुना तथा अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम पर 13 जनवरी से 27 फरवरी के मध्य 45 दिनों के इस महापर्व का उत्तम अनुभव एनआरआई (अनिवासी भारतीय) श्रद्धालुओं तथा विदेशी पर्यटकों को मिल सके इसकी भी उत्तम व्यवस्था डबल इंजन सरकार द्वारा की गई है। ट्रैवलिंग, कनेक्टिविटी, अकॉमोडेशन, फूडिंग-लॉजिंग समेत विभिन्न मानकों को लेकर वैश्विक प्रतिमान के अनुरूप व्यवस्था की जा रही है। मल्टी लैंग्वेज एसिस्टेंस, चैटबॉट, डेडिकेटेड काउंटर्स समेत विभिन्न प्रक्रार की सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा। यही नहीं, डिजिटल महाकुम्भ में वर्चुअल रिएलिटी के जरिए समुद्र मंथन समेत कुम्भ के विभिन्न पहलुओं का साक्षात्कार भी संभव हो सकेगा। यह आयोजन भारत की अतिथि-सत्कार परंपरा व सांस्कृतिक धरोहर के भव्य प्रदर्शन का माध्यम बनेगा।
विशेष एनआरआई व विदेशी पर्यटक केंद्र
-एनआरआई और विदेशी नागरिकों के लिए विशेष स्वागत केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
-इन केंद्रों पर बहुभाषीय सहायता, यात्रा गाइड, और स्थानीय जानकारी प्रदान की जाएगी।
ऑनलाइन बुकिंग व पंजीकरण
-विदेशी पर्यटकों और एनआरआई के लिए विशेष वेबसाइट व मोबाइल ऐप के माध्यम से आवास, तीर्थयात्रा पैकेज और अन्य सेवाओं की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा।
विशेष आवास सुविधाएं
-एनआरआई और विदेशी पर्यटकों के लिए उच्च स्तरीय टेंट सिटी और रिसॉर्ट्स बनाए गए हैं।
-इनमें वातानुकूलित टेंट, आधुनिक सुविधाएं, और व्यक्तिगत सुरक्षा के इंतजाम होंगे।
एयरपोर्ट व परिवहन सुविधा होगी उच्च स्तरीय
प्रयागराज से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए योगी सरकार ने 2 वर्ष पूर्व ही यहां एयरपोर्ट की शुरुआत कर दी थी।
महाकुम्भ के दौरान विभिन्न शहरों से प्रयागराज के लिए उड़ान सेवा उपलब्ध होगी।
प्रयागराज एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की भी सुविधा प्रदान की जा रही है।
-प्रयागराज और उसके आसपास के क्षेत्रों से हवाई अड्डों के लिए शटल बस और हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
-एनआरआई और विदेशी पर्यटकों के लिए समर्पित परिवहन सेवा (लक्जरी बसें, टैक्सी) भी उपलब्ध होंगी।
बहुभाषीय गाइड व सूचना प्रणाली
-अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, जापानी, और अन्य प्रमुख भाषाओं में प्रशिक्षित गाइड उपलब्ध कराए जाएंगे।
-स्थानों और गतिविधियों के विवरण के लिए बहुभाषीय संकेत और सूचना केंद्र बनाए गए हैं। इसके साथ ही विशेष स्नान की व्यवस्था होगी।
-संगम पर एनआरआई और विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष वीआईपी स्नान घाट व दर्शन की व्यवस्था होगी।
-भीड़ प्रबंधन के लिए अलग से एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स होंगे।
संस्कृति व अनुभूति केंद्र बनेगा माध्यम
-भारतीय संस्कृति, योग, ध्यान, और कुम्भ मेले के महत्व को समझाने के लिए विशेष प्रदर्शनी और कार्यशालाएं आयोजित होंगी।
कैशलेस भुगतान सुविधा
-विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए कैशलेस भुगतान की व्यवस्था।
-विदेशी मुद्राओं के एक्सचेंज के लिए अधिकृत केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
सामाजिक व सांस्कृतिक कनेक्ट
-विशेष नेटवर्किंग कार्यक्रम का आयोजन होगा जहां विदेशी पर्यटक स्थानीय लोगों और एनआरआई समुदाय के साथ बातचीत कर सकते हैं।
-एनआरआई और विदेशी पर्यटकों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का होगा अवसर।
पारंपरिक भोजन व स्थानीय शिल्प
-विदेशी पर्यटकों के लिए पारंपरिक भारतीय व्यंजनों और हस्तशिल्प वस्त्रों का अनुभव करने के लिए विशेष स्टॉल रहेगा उपलब्ध।
सात स्तरीय सुरक्षा चक्र करेगा हिफाजत
-प्रयागराज सात स्तरीय सुरक्षा चक्र घेरे में हैं। विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। वह किसी भी तरह की असुविधा पर टोल फ्री नंबर पर सहायता मांग सकेंगे।
डिजिटल महाकुम्भ बनेगा यादगार अनुभव का माध्यम
-महाकुम्भ- 2025 में आने वाले श्रद्धालु सनातन धर्म के आध्यात्मिक गौरव एवं वैभव का दर्शन करने के साथ ही डिजिटल महाकुम्भ का भी अनुभव करेंगे। डिजिटल म्यूजियम में वर्चुअल रिएलिटी के जरिए महाकुम्भ के विभिन्न पहलुओं का हो सकेगा दीदार।
-महाकुम्भ की वेबसाइट, ऐप, 11 भाषाओं में ऐआई चैट बॉट, लोगों एवं वाहनों के लिए क्यूआर आधारित पास की व्यवस्था।
बहुभाषीय डिजिटल साइनेज वीएमडी से संकेतकों को समझने में होगी आसानी।
-सभी स्थलों का गूगल मैप पर मिलेगा एक्सेस जो लोगों को भटकने से बचाएगा।
स्मार्ट पार्किंग से हल होगी पार्किंग समस्या
-पर्यटकों को वहां पार्किंग की समस्या से न जूझना पड़े इसकी भी व्यवस्था है। इसके दृष्टिगत 101 स्मार्ट पार्किंग बनाएं गए हैं, जिनमें प्रतिदिन पांच लाख वाहन पार्क किए जा सकेंगे।
-1867.04 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला पार्किंग स्थल 2019 के 1103.29 हेक्टेयर के सापेक्ष 763.75 हेक्टेयर बड़ा है।
-इन पार्किंगों की निगरानी इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के माध्यम से की जाएगी।
स्वस्थ महाकुम्भ का भी मिलेगा अनुभव
-महाकुम्भ- 2025 में आने वाले तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के स्वास्थ्य देखभाल की भी व्यवस्था है।
-विशेषज्ञ चिकित्सकों की बड़े पैमाने पर तैनात किया गया है। परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल बनाया गया है। 20 बेड के दो और 8 बेड के छोटे अस्पताल भी तैयार किए गए हैं।
-मेला क्षेत्र और अरैल में 10-10 बेड के दो आईसीयू, आर्मी हॉस्पिटल की ओर से बनाए गए हैं।
उत्तर प्रदेश
दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।
संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।
ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।
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