माघ पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है। इस तिथि के स्वामी स्वयं चंद्रदेव हैं। इस तिथि को चंद्रमा संपूर्ण होता है। पूर्णिमा के दिन सूर्य और चंद्रमा समसप्तक है। माघ पूर्णिमा के दिन नौ ग्रहों की कृपा को आसानी से पाया जा सकता है। माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और पूजा का विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
प्रयागराज में कल्पवास का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन यानि माघी पूर्णिमा पर कल्पवास का समापन होता है। पंचांग के अनुसार माघ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि 26 फरवरी से आरंभ हो रही है, पूर्णिमा की तिथि का समापन 27 फरवरी को होगा
पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर प्रात: काल स्नान करने से रोगों का नाश होता है। दान करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली तमाम बाधाएं दूर होती हैं।
बुध ग्रह के कारण त्वचा और बुद्धि की समस्या हो जाती है। बुध ग्रह की शुभता के लिए आंवले और हरी सब्जियों का दान करना चाहिए। बृहस्पति के कारण सेहत संबंधी समस्याएं होती हैं। गुरु ग्रह की शुभता के कारण केला, मक्का और चने की दान का दान करना चाहिए। शुक्र ग्रह के कारण मधुमेह और आंखों की समस्या होती है। शुक्र ग्रह की शुभता के लिए घी, मक्खन और सफेद तिल आदि का दान करना चाहिए। शनि के कारण लंबी बीमारियां हो जाती हैं। इस ग्रह की शुभता के लिए काले तिल और सरसों के तेल का दान करना चाहिए।