नई दिल्ली। भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष नेताओं में शामिल कुख्यात आतंकी मौलाना अब्दुल अज़ीज़ इसर की मौत हो गई है। उसका शव पाकिस्तान के बहावलपुर में संदिग्ध हालात में पाया गया। बहावलपुर वही इलाका है जहां जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी स्थित है। इस खबर से पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है।
भारत विरोधी साजिशों का मास्टरमाइंड
अब्दुल अज़ीज़ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के भक्कर जिले के अशरफवाला, कल्लूर कोट क्षेत्र का निवासी था। वह लंबे समय से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में सक्रिय था और कई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था। वह जैश के विचारधारा प्रचार, आतंकी भर्ती, और कट्टरपंथी युवाओं को भड़काने जैसे अभियानों में प्रमुख भूमिका निभाता था।
मौत पर रहस्य बरकरार
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि अब्दुल अज़ीज़ की मौत कैसे हुई। जैश और पाकिस्तान सरकार दोनों ने इस पर चुप्पी साध रखी है। हालांकि, जैश से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट्स ने उसकी मौत और बहावलपुर स्थित ‘मरकज़’ में होने वाले जनाजे की पुष्टि की है।
भारत को दी थी धमकी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्दुल अज़ीज़ ने पिछले महीने जैश की एक रैली में मंच से भारत के खिलाफ जहर उगला था। उसने धमकी दी थी कि भारत का अंजाम भी USSR जैसा होगा। उसकी यह बयानबाज़ी काफी चर्चा में रही थी। लेकिन अब वही आतंकी खुद रहस्यमयी हालात में मारा गया।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी बेचैनी
सूत्रों के मुताबिक, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से पाकिस्तान में आतंकियों के बीच खलबली मची हुई है। अब्दुल अज़ीज़ जैश के लिए पंजाब खासकर बहावलपुर और रावलपिंडी जैसे इलाकों में सक्रिय था, जहां वह युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलता था और भारत के खिलाफ भड़काता था।