नई दिल्ली। देश आज 76वें गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है। इस मौके पर राष्ट्रीय राजधानी अभेद्य किले में तब्दील हो गई है। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में 70,000 से अधिक पुलिसकर्मी तथा 70 से अधिक अर्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा, कर्तव्य पथ और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छह स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
राजधानी में डेटा के आधार पर चेहरे की पहचान करने और वीडियो एनालिटिक्स की सुविधा से लैस 2,500 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। हवाई क्षेत्र में खतरों का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए चार किलोमीटर के दायरे में ड्रोन रोधी प्रणाली लगाई गई है। छतों पर स्नाइपर की तैनाती की गई है। परेड मार्ग पर 200 से ज्यादा इमारतों को सील किया गया है। इसके अलावा परेड मार्ग की ओर खुलने वाली आवासीय इमारतों की खिड़कियों पर भी सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
शहर में खासकर मध्य दिल्ली में शनिवार से यातायात की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य और केंद्रीय सुरक्षा बल रविवार के समारोह के मद्देनजर निकट समन्वय में काम कर रहे हैं। कर्तव्य पथ के मुख्य परिचालन क्षेत्र में लगभग 15,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। कर्तव्य पथ और शहर के चारों ओर अहम स्थानों पर कमांडो, त्वरित प्रतिक्रिया दल, पीसीआर वैन, विध्वंस रोधी जांच और स्वाट टीम तैनात हैं।
अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा, ‘जहां परेड होगी, हमने उन नयी दिल्ली, मध्य दिल्ली और उत्तरी दिल्ली जिलों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया है। प्रत्येक क्षेत्र का नेतृत्व पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) या अतिरिक्त डीसीपी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। लापता व्यक्तियों के लिए बूथ, हेल्पडेस्क और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की स्थापना के अलावा ऐसे स्थान निर्धारित किए गए हैं जहां परेड शुरू होने से पहले आगंतुक अपनी गाड़ियों की चाबियां जमा करा सकते हैं।’