नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने हेरोइन बनाने की एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। दरअसल बरेली के मीरगंज इलाके में एक घर में हेरोइन बनाने का काम चल रहा था। इससे पूर्व दिल्ली पुलिस ने मवाना इलाके से अप्रैल 2024 में राजेंद्र उर्फ यूसुफ को 520 ग्राम हेरोइन और 5 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने राजेंद्र से पूछताछ की। पूछताछ के बाद इस गैंग के एक-एक सदस्य का नाम पुलिस के सामने आया है। सारी कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस ने बरेली के रहने वाले नदीम को गिरफ्तार किया। दरअसल नदीम का रिश्तेदार बरेली के मीरगंज इलाके में हेरोइन बनाने की फैक्ट्री चलाता था और सप्लाई के लिए नदीम को देता था।
पुलिस ने फैक्ट्री से हेरोइन बनाने का केमिकल बरामद किया है। जानकारी के मुताबिक, ये गैंग असम से केमिकल मंगवाता था। बता दें कि इससे पहले दक्षिणी दिल्ली के केएम पुर क्षेत्र में बिना दवा पर्चे या लाइसेंस के अवैध रूप से मेफेन्टरमाइन नामक नशीला इंजेक्शन बेचने के आरोप में 35 वर्षीय एक महिला को पकड़ा गया था। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि महिला के घर से 60 ऐसे इंजेक्शन जब्त किये गये। एक बयान के अनुसार 26 दिसंबर को एक गुप्त सूचना के आधार पर अपराध शाखा के ‘एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स’ (एएनटीएफ) और दिल्ली मादक पदार्थ विभाग की एक संयुक्त टीम ने कोटला मुबारकपुर में एक समन्वित अभियान चलाया।
बयान में कहा गया कि इस दौरान निधि नामक महिला को बिना उचित लाइसेंस के अवैध रूप से जिम जाने वालों को मेफेन्टरमाइन इंजेक्शन बेचने के आरोप में पकड़ा गया। बयान के अनुसार अधिकारियों का मानना है कि महिला निधि इन इंजेक्शन के अवैध वितरण में शामिल थी जोकि बिना दवा के पर्चे के बेचे जा रहे थे। पुलिस उपायुक्त (अपराध) भीष्म सिंह ने बताया कि जब निधि के आवास पर छापा मारा गया तो वहां से मेफेन्टरमाइन के करीब 60 इंजेक्शन बरामद हुए। सिंह ने कहा कि इस मामले में मादक पदार्थों की तस्करी वाले किसी बड़े गिरोह के शामिल होने का पता लगाने को लेकर भी जांच की जा रही है।