भारत के निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के उपचुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। हाल ही में जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद यह पद रिक्त हो गया। अब 9 सितंबर 2025 को इस पद के लिए मतदान होगा, जिसमें संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य हिस्सा लेंगे। यदि विपक्ष की ओर से कोई उम्मीदवार नामांकन नहीं करता है, तो उम्मीदवार निर्विरोध चुना जा सकता है।
चुनाव की संवैधानिक समय-सीमा
भारतीय संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद खाली होने की स्थिति में 60 दिनों के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य होता है। इस हिसाब से 19 सितंबर 2025 तक यह प्रक्रिया पूरी की जानी थी। जब तक नया उपराष्ट्रपति नहीं चुना जाता, तब तक राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह कार्यभार संभाल रहे हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त 2025 है। मतदान 9 सितंबर को होगा और उसी दिन परिणाम भी घोषित कर दिए जाएंगे।
चुनाव प्रक्रिया कैसे होती है?
भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष प्रणाली के तहत होता है। इसमें सांसद गुप्त मतदान के जरिए उम्मीदवारों को वोट देते हैं। चूंकि वोटिंग वरीयता क्रम (preferential voting) के आधार पर होती है, इसलिए क्रॉस वोटिंग की भी संभावना बनी रहती है। किसी उम्मीदवार को जीतने के लिए कुल वैध मतों का साधारण बहुमत (50% से अधिक) प्राप्त करना आवश्यक होता है।
सदस्यों की संख्या और बहुमत की स्थिति
वर्तमान में लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 240 सदस्य हैं। इस प्रकार कुल 782 सांसदों में से किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 394 मतों की आवश्यकता होगी। फिलहाल लोकसभा में 1 और राज्यसभा में 5 सीटें रिक्त हैं। NDA के पास कुल मिलाकर 422 सांसदों का समर्थन होने की वजह से उनकी स्थिति इस चुनाव में मजबूत मानी जा रही है।