नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपना-अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। एनडीए के केंद्रीय नेतृत्व ने मंगलवार को झारखंड की पूर्व राज्यपाल और ओडिशा की पूर्व मंत्री द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार के रूप में चुना है।
विपक्ष ने पूर्व भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है। अब देखना ये है कि 21 जुलाई को रायसीना हिल्स का रास्ता द्रौपदी मुर्मू के लिए खुलता है या यशवंत सिन्हा के लिए।
यह है राष्ट्रपति चुनाव में मतों का गणित
राष्ट्रपति चुनाव में विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सदस्य मतदान करते हैं। चुनाव में कुल 4,809 सांसद व विधायक वोटिंग करेंगे। इनमें 776 सांसद (लोकसभा व राज्यसभा के चुने गए सदस्य) और 4,033 विधायक होंगे।
सांसदों और विधायकों के वोट का मूल्य अलग होता है। मतदाता द्वारा एक ही वोट में कई प्रत्याशियों को प्राथमिकता तय की जाती है। सांसदों के कुल वोट का मूल्य 5,43,200 है, एक मत का मूल्य 700 है।
सभी विधायकों के मतों के मूल्य को कुल सांसदों की संख्या से भाग देकर एक संसद सदस्य के वोट का मूल्य तय होता है। विधायकों के कुल मतों का मूल्य 5,43,231 है।
उप्र के एक विधायक के मत का मूल्य 208 है, जो राज्यों में सर्वाधिक है। सिक्किम के एक विधायक के मत का मूल्य 7 है, यह सबसे कम मत मूल्य है।
विपक्ष की स्थिति
कांग्रेस की अगुआई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पास लगभग 2,59,800 मत हैं। इसमें कांग्रेस के पास सर्वाधिक लगभग 1,45,000 मत हैं। गैर संप्रग विपक्षी दलों की बात करें तो उनके पास लगभग 2,92,800 मत हैं। संयुक्त रूप से विपक्षी दलों के पास 5,52,000 से अधिक मत हैं।
हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के कारण दलों के मतों की संख्या में थोड़ा बदलाव हो सकता है, लेकिन यह इतना नहीं होगा कि चुनाव को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सके।
यह है समीकरण
भाजपा की अगुआई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास कुल 10.86 लाख मतों के पचास प्रतिशत से थोड़ा कम 5,26,420 मत हैं। ऐसे में राजग को किसी दल का समर्थन लेना पड़ेगा। जिसमें वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल हैं।
बीते दिनों वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगनमोहन और बीजद के प्रमुख नवीन पटनायक दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी से भेंट कर चुके हैं। दोनों दलों ने वर्ष 2017 में राजग के प्रत्याशी राम नाथ कोविन्द को समर्थन दिया था।
राजग को राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए लगभग 13,000 वोट की कमी है। बीजद के पास 31 हजार से अधिक मत हैं जबकि वाईएसआर कांग्रेस के पास 43,000 से ज्यादा मत हैं। स्वाभाविक है कि इनमें से किसी एक का भी समर्थन राजग के लिए पर्याप्त होगा।