नई दिल्ली। अहमदाबाद में गुरुवार, 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस भीषण दुर्घटना में 265 लोगों की जान चली गई। हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर टेकऑफ के महज दो मिनट के भीतर ऐसा क्या हुआ कि विमान रिहायशी इलाके में गिर पड़ा?
अब इस रहस्य से पर्दा उठाने की दिशा में एक बड़ी प्रगति हुई है। हादसे की शिकार फ्लाइट का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है। इस डिवाइस में दर्ज अंतिम क्षणों की जानकारी से दुर्घटना की असली वजह सामने आ सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए एक अंतरराष्ट्रीय और निष्पक्ष लैब में भेजा जाएगा।
क्या होता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स किसी भी विमान का सबसे अहम हिस्सा होता है, जो उड़ान के दौरान सभी अहम जानकारियों और संवाद को रिकॉर्ड करता है। नाम भले ही ‘ब्लैक बॉक्स’ हो, लेकिन इसका रंग आमतौर पर नारंगी होता है ताकि मलबे में आसानी से ढूंढ़ा जा सके। इसमें दो प्रमुख हिस्से होते हैं:
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) – जो पायलट्स के बीच हुई बातचीत और कॉकपिट की आवाजों को रिकॉर्ड करता है।
फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) – जो विमान की गति, ऊंचाई, दिशा, इंजन की स्थिति समेत कई तकनीकी पहलुओं को दर्ज करता है।
दोनों मिलकर ‘ब्लैक बॉक्स’ कहलाते हैं और विमान दुर्घटना के पीछे के कारणों की जांच में अहम भूमिका निभाते हैं।
क्या खुलेंगे हादसे के राज?
ब्लैक बॉक्स की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि:
क्या पायलट ने नियंत्रण खो दिया था?
क्या विमान में कोई तकनीकी गड़बड़ी आई थी?
हादसे से पहले पायलट्स के बीच क्या बातचीत हो रही थी?
इन सभी सवालों के जवाब ब्लैक बॉक्स की फॉरेंसिक जांच के बाद मिल सकते हैं, जिससे यह स्पष्ट होगा कि यह दर्दनाक हादसा तकनीकी चूक थी या किसी मानवीय त्रुटि का नतीजा।