नई दिल्ली/श्रीनगर। राष्ट्रपति पद के विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा समर्थन जुटाने आज शनिवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचे। सिन्हा ने मीडिया के सामने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों- फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को ‘सबसे बड़ा देशभक्त’ करार दिया।
उन्होंने नैशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं की मौजूदगी में कहा, ‘यहां जितने भी लोग हैं, चाहे वह फारूक साहब हों, महबूबा जी हों, देश में इनसे बड़ा देशभक्त नहीं है। अगर ये लोग देशभक्त नहीं हैं तो हम में से किसी को अधिकार नहीं है कि वह देशभक्ति का दावा करे।’
सिन्हा ने बताई प्राथमिकता
यशवंत सिन्हा ने कहा कि वे राष्ट्रपति बने तो कश्मीर मुद्दे को प्राथमिकता में रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘अगर निर्वाचित हुआ तो मेरी प्राथमिकताओं में से एक यह भी होगा कि सरकार से आग्रह करूं कि कश्मीर मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए और शांति, न्याय, लोकतंत्र, सामान्य स्थिति बहाल करे और J&K के प्रति शत्रुतापूर्ण विकास को खत्म करे।’
यूपी में क्या बोले थे सिन्हा?
लखनऊ में सपा कार्यालय पर बीते गुरुवार को हुई बैठक में सिन्हा ने विधायकों से समर्थन मांगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अटल, मुलायम से लेकर अजित सिंह से अपने रिश्तों को याद करते हुए सिन्हा ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति बने तो शपथ लेने के दूसरे दिन ही जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद कर देंगे।
देश में सांप्रदायिक बंटवारे और संविधान के दुरुपयोग को रोकने का प्रयास करेंगे। आज देश को खामोश नहीं बल्कि विवेक का इस्तेमाल करने वाला राष्ट्रपति चाहिए।
सिन्हा ने कहा कि मेरा मोदी से कोई व्यक्तिगत विरोध नहीं है, मेरी असहमति उनकी कार्यशैली और नीतियों से है। हुकूमत देश में न्याय का गला घोंट रही है। चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है।