इटावा| उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक मुकुटमणि यादव के साथ हुई कथित बदसलूकी और मारपीट के मामले ने अब राजनीतिक और सामाजिक रंग ले लिया है। विवाद के बीच अब योगगुरु स्वामी रामदेव भी कूद पड़े हैं। राजस्थान के खैरथल में एक कार्यक्रम के दौरान स्वामी रामदेव ने कहा, “इटावा में यादव समाज के एक युवक की चोटी काट दी गई और कहा गया कि तुम भगवान की कथा नहीं कह सकते। अरे बाबलो, भगवान श्रीकृष्ण यदुवंशी थे। अगर यदुवंशी उनकी कथा नहीं कहेगा तो कौन कहेगा?”
उन्होंने आगे कहा, “यह जात-पात की बात नहीं है। क्या हमारे भगवान को भी कोई छीन लेगा? भगवान तो सबके हैं। लेकिन यह कोई पैटेंट तो नहीं कि सिर्फ एक जाति विशेष ही श्रीकृष्ण की कथा कहेगी।”
क्या है इटावा कथावाचक विवाद?
22 जून को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के दांदरपुर गांव में कथावाचक मुकुटमणि यादव और उनके एक साथी के साथ मारपीट की गई। आरोप है कि ब्राह्मण समाज के कुछ लोगों ने कथावाचक की जाति को लेकर उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया, पीटा और जबरन मुंडन करवा दिया। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया और यादव समाज ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ब्रजेश श्रीवास्तव को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा, “कुछ तत्व प्रदेश में जातीय हिंसा फैलाना चाहते हैं और पुलिस इसे रोकने में विफल रही है। ऐसा दोहराव औरैया और कौशांबी में भी देखा गया है। जिस जिले में ऐसी घटनाएं होंगी, वहां के अफसरों पर सख्त कार्रवाई होगी।”