लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ पर भाजपा पर तंज कसते हुए ने कहा कि हम राजनीति करने वाले लोग हैं। इनको परीक्षा देनी पड़ती है। जैसे दसवीं की बारहवीं की परीक्षा होती है, उसी तरह ईडी भी एक है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि ईडी का मतलब अब ‘Examination in Democracy’ बन गया है। उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि ED का मतलब अब ‘Examination in Democracy’ बन गया है। राजनीति में विपक्ष को ये परीक्षा पास करनी होती है। जब सरकार स्वयं फ़ेल हो जाती है तब वो इस परीक्षा की घोषणा करती है। जिनकी तैयारी अच्छी होती है वो न तो लिखा-पढ़ी की परीक्षा से डरते हैं, न मौखिक से… और कभी डरना भी नहीं चाहिए।
ED का मतलब अब ‘Examination in Democracy’ बन गया है। राजनीति में विपक्ष को ये परीक्षा पास करनी होती है। जब सरकार स्वयं फ़ेल हो जाती है तब वो इस परीक्षा की घोषणा करती है। जिनकी तैयारी अच्छी होती है वो न तो लिखा-पढ़ी की परीक्षा से डरते हैं, न मौखिक से… और कभी डरना भी नहीं चाहिए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 15, 2022
अखिलेश ने कहा कि सोचिए डेमोक्रेसी में परीक्षा हो रही है और इस तरह सरकार हमेशा करती आई हैं जो सरकार ताकतवर है। आज उप्र में देख लो लेखपाल, तहसीलदार, एसडीएम मिल जाए वह आपके घर को गिरा देंगे आज किसी की भी जमीन किसी के नाम पर चढ़ा देंगे।
आपके एक एसओ से संबंध अच्छे हो, मिठाई ठीक दे दे तो किसी पर भी मुकदमा करा सकते हैं। यह ईडी की परंपरा से लोगों को परेशान किया जा रहा है। ये संस्कृति बंद होना चाहिए। अगर कभी कांग्रेस ने किया है तो बीजेपी को उस का उदाहरण नहीं बनना चाहिए।
नुपूर शर्मा मामले पर अखिलेश ने कहा कि बीजेपी अगर कहती है कि हम संविधान और कानून के साथ हैं तो कानून के तहत अपने कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं।
बीजेपी को संकल्प लेना चाहिए कि ऐसे प्रवक्ता जो किसी को अपमानित करते हैं, किसी के धर्म के खिलाफ बोलते हैं, उन्हें आजीवन पार्टी से बाहर निकाल दे।