लखनऊ। यूपी में सबसे अधिक लोकसभा सीट (80) होने के नाते कहा जाता है कि यूपी जिसको सपोर्ट कर दे उसी की सरकार केंद्र में बन जाती है और यह बात पिछले दो चुनावों में सच होती भी दिख रही है। यूपी से सर्वाधिक सीट जीतकर भाजपा ने केंद्र में सरकार बना ली।
इसी को देखते हुए लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी राजनितिक दल तैयारियों में लग गए हैं। सबसे गंभीर तैयारी स्वाभाविक रूप से सत्तारूढ़ बीजेपी कर रही है। इसी रणनीति के तहत पार्टी का खास ध्यान ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) वोटों पर है।
इसी के चलते योगी सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए यूपी में सरकारी नौकरियों में ओबीसी कोटे का डाटा जुटाने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि सरकार पिछले 10 सालों में सरकारी नौकरियों में ओबीसी प्रतिनिधित्व का आकलन करने जा रही है।
इसके तहत राज्य सरकार की सेवाओं में ओबीसी की 79 उपजातियों के हिसाब से सरकारी कर्मचारियों की गिनती होगी। इसके लिए अगले कुछ दिनों में विभागवार समूह ‘क’ से लेकर समूह ‘घ’ तक कुल पदों में नियुक्त कार्मिकों का ब्यौरा एकत्र करने का अभियान चलेगा। इस हेतु शासन ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर पूरा ब्यौरा मांगा है।
ये है प्लान
बताया जा रहा है कि राज्य में बीजेपी का खास फोकस ओबीसी मतदाताओं पर है। योगी सरकार के इस फैसले को ओबीसी वोटर्स को अपने खेमे से जोड़ने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है। 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ‘टारगेट-80’ पर काम कर रही है।
माना जा रहा है कि योगी सरकार का ये फैसला भी इसी टारगेट का एक हिस्सा है। खास बात है कि बीते चुनावों में ओबीसी का बड़ा तबका बीजेपी के साथ रहा है।