पटना। प्रगति यात्रा के तीसरे चरण में सुपौल पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुपौल पहुंचे। सदर प्रखंड के बकौर पंचायत में उन्होंने जीविका दीदियों से संवाद किया और उनके काम की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बिहार में महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण जीविका दीदियां हैं। इनके योगदान से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक बदलाव हुआ है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2005 में जब उनकी सरकार ने काम शुरू किया था, तब सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) की संख्या बेहद कम थी। उन्होंने विश्व बैंक से कर्ज लेकर एसएचजी का विस्तार शुरू किया। आज बिहार में 10 लाख 61 हजार एसएचजी हैं, जिनसे एक करोड़ 35 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि हमने एसएचजी से जुड़ी महिलाओं को ‘जीविका दीदी’ का नाम दिया। यह नाम इतना प्रभावी रहा कि केंद्र सरकार ने इसे अपनाते हुए इसे ‘आजीविका’ का नाम दिया। उन्होंने यह भी बताया कि जीविका दीदियों की बदौलत महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार हुआ है। उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ी है और उनका आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल भी विकसित हुआ है।