चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों में राज्य के युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर राज्य सरकार ने पहले से ज्यादा ध्यान देने का फैसला किया है. नेशनल डिफेंस कॉलेज के कमांडेंट एयर मार्शल हरदीप बैंस एवीएसएम, वीएसएम के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब का गौरवशाली इतिहास है. राज्य के युवाओं ने भारतीय सशस्त्र बलों में देश की सेवा की है. उन्होंने कहा कि हाल के समय में यह प्रवृत्ति कम हुई है लेकिन राज्य सरकार युवाओं को सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए प्रेरित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्थापित माई भागो आर्म्ड फोर्सेस प्रेपरेटरी इंस्टीट्यूट और सी-पाइट केंद्र इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता होने के साथ-साथ पंजाब को देश की शक्ति होने का भी गर्व है और पंजाब के लोग अपनी साहसिक और संघर्षशील भावना के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस पवित्र धरती के हरेक इंच को महान गुरुओं, संतों, पीरों और शहीदों का आशीर्वाद प्राप्त है, जिन्होंने हमें अत्याचार, अन्याय और अन्याय का विरोध करने का मार्ग दिखाया है.
सरकार का मकसद पीड़ितों की मदद करना
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह भी कहा कि राज्य की पाकिस्तान के साथ 532 किलोमीटर की सीमा लगती है, जिससे सशस्त्र बलों का सहयोग आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा में सशस्त्र बलों, अर्ध-सैनिक बलों, पुलिस और यहां तक कि अग्निवीरों के अमूल्य योगदान को मान्यता देते हुए राज्य सरकार सैनिकों की ड्यूटी के दौरान शहीद होने की स्थिति में परिवार को एक करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देती है. भगवंत मान ने उम्मीद जताई कि राज्य द्वारा उठाया गया यह छोटा सा कदम एक तरफ पीड़ित परिवार की मदद करता है और दूसरी तरफ उनका भविष्य सुरक्षित करता है.