उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पांचवें चरण के लिए मतदान जारी है। इस चरण में योगी सरकार के मंत्रियों सहित कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इसी बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी और दस्यु सरगना ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल का बयान आया है। उनका कहना है कि ‘मेरे पिता डाकू थे तो इसमें मेरी क्या गलती है। 2005 से मैं लोगों की भलाई के लिए काम कर रहा हूं। अगर सूबे में हमारी सरकार बनती है तो हम यहां के आदिवासी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की केंद्र सरकार से मांग करेंगे।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘मध्य प्रदेश में जिस जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है उन्हें यूपी में वंचित किया गया है। किसी के नाम पर नहीं बल्कि जनता इस बार बेरोजगारी और किसान के मुद्दे पर वोट डाल रही है।’ बता दें कि उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, बुंदेलखंड के अलावा मध्य प्रदेश के विंध्य इलाके में शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ ने तीन दशकों तक राज किया था। सपा ने उनके बेटे वीर सिंह को चित्रकूट जिले की मानिकपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। कुछ दिन पहले उन्होंने यहां से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।
अखिलेश के मनाने पर भरा था पर्चा
मानिकपुर से सपा प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज वीर सिंह पटेल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के मनाने पर मान गए थे और उन्होंने आखिरी दिन अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। वीर सिंह ने प्रत्याशी बनाए जाने के दूसरे दिन मानिकपुर सीट से चुनाव लड़ने से इनकार करते हुए अखिलेश से मुलाकात की थी। उनका कहना था कि उन्होंने चित्रकूट सदर सीट से चुनाव की तैयारी कर रखी थी। इसी सीट से 2012 में वह सपा से विधायक चुने गए थे।