लखनऊ। उप्र के जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की चर्चा और वायरल लेटर से गर्म हुए सियासी माहौल के बीच मंत्री ने अपनी चुप्पी तोड़ी। दिनेश खटीक ने कहा है कि उनकी नाराजगी केवल अफसरों से है।
उन्होंने कहा कि काम नहीं, उन्हें सम्मान चाहिए। मुख्यमंत्री से उनकी बात हुई है। मुख्यमंत्री ईमानदार हैं लेकिन कुछ अधिकारियों की मनमर्जी के कारण यह कदम उठाना पड़ा। दिनेश खटीक बुधवार को मेरठ से भाजपा नेताओं से मिलने के बाद दिल्ली चले गए।
दिन भर वे दिल्ली में कई भाजपा नेताओं से मिलते रहे। देर रात उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से उनकी बातचीत हुई है। हम जनता से चुनकर आए हैं, सम्मान तो चाहिए। केवल सम्मान चाहिए, काम नहीं। अधिकारी कुछ नहीं दे सकते तो मांगने पर सूचना तो दे सकते हैं। राज्यमंत्री ने कहा कि वह अभी ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते। गुरुवार की शाम चार बजे वह मीडिया से बातचीत करेंगे।
जानें पूरा मामला
बता दें योगी सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफा देने की खबर ने कल बुधवार को राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी। खटीक ने मंगलवार को एक ओर अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजा तो दूसरी ओर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलकर उन्हें भी एक प्रति दी।
इस्तीफे के लिए लिखा गया पत्र बुधवार को दोपहर में वायरल हुआ। इस इस्तीफे को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के पास संस्तुति के लिए भेज दिया।
पत्र में दिनेश खटीक ने दलित होने के कारण अधिकारियों द्वारा सुनवाई न होने, तबादलों और नमामि गंगे योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। पत्र की अंतिम पंक्ति में उन्होंने त्यागपत्र देने की बात कही है। हालांकि दिनेश खटीक के इस पत्र को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं। इसे दबाव की राजनीति करार दिया जा रहा है।