शिमला। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने धर्मशाला के दाड़ी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनावों से पहले 1800 शैक्षणिक संस्थान खोल दिए। उन्होंने कहा कि न ही पूर्व की सरकार ने कोई नोटिफिकेशन की न ही बजट का कोई प्रावधान। केवल राजनीतिक फायदा चुनावों में उठाने के लिए संस्थान खोल दिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार संसाधनों को जुटा रही है तथा उसके बाद नियुक्तियां करके स्कूलों को खोल रही है।
इस दौरान उन्होंने तपोवन के पास 150 करोड़ रुपये की लागत से देश का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कन्वेंशन सेंटर में बड़े स्तर के सेमिनार आयोजित किए जाएंगे जिससे पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र योल कैंट के संचालन, आईटी पार्क में पुल के निर्माण के लिए धनराशि, ओबीसी भवन के निर्माण को पूरा करने के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित करने और सड़क निर्माण परियोजनाओं की भी घोषणा की। इनमें झीयोल स्कूल से अंजनी माता, परोल से घियाना खुर्द बड़ा खौला, कुफरी से चामुंडा मंदिर, अलखनी से जयुल कंड करड़ियाना, कनेड से झखरेहड़, चेलियां से पासू, टीका से बनी और लुंटा-बगोटू-खबरोट-टिल्लू सड़क निर्माण परियोजनाएं शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जबकि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान अमीर और गरीब के बीच की खाई और बढ़ गई थी। सरकारी नौकरियों की कथित तौर पर नीलामी की गई। पूर्व भाजपा सरकार के दौरान पुलिस भर्ती घोटाला युवाओं के साथ विश्वासघात था। वर्तमान राज्य सरकार पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही है। जल शक्ति विभाग के ठियोग उपमंडल में अनियमितताओं की गंभीरतापूर्वक जांच शुरू की गई है और भ्रष्ट आचरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए राज्य के खजाने का दुरुपयोग किया, जबकि कांग्रेस सरकार आम लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से ठोस प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल कर अपना चुनावी वादे को पूरा किया है। जब तक कांग्रेस सरकार राज्य में सत्तासीन है, तब तक कर्मचारियों को ओपीएस जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य की ऋण सीमा में 1600 करोड़ रुपये की कटौती की है और ओपीएस बहाल करने के राज्य सरकार के निर्णय को देखते हुए राज्य पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए हैं। उन्होंने कहा कि एनपीएस के तहत लगभग 9000 करोड़ रुपये अभी भी केंद्र सरकार के पास फंसे हुए हैं और केंद्र सरकार यूपीएस को लागू करने के लिए राज्य पर दबाव बना रही है।