लखनऊ में शनिवार को समाजवादी पार्टी के कार्यालय में विधायक दल की बैठक हुई। इसमें सपा के चुने हुए विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मुहर लगाई। लेकिन इस बैठक के बीच एक ऐसी घटना हुई, जिसने सभी का ध्यान खींचा। दरअसल, इस बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया था। इसके बाद शिवपाल ने कहा था कि वह 2 दिन से बैठक का इंतजार रहे थे। लखनऊ से वह सीधे इटावा पहुंचे। यहां एक कार्यक्रम में उनका दर्द छलक उठा। उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए रामायण और महाभारत के चरित्रों का उदाहरण दिया। साथ ही कहा कि हमें हनुमान की भूमिका याद रखनी चाहिए, क्योंकि उन्हीं की वजह से राम युद्ध जीत सके थे।
बता दें कि शिवपाल यादव इटावा में भागवत कथा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान राम का राजतिलक होने वाला था, लेकिन उनको वनवास जाना पड़ा। इतना ही नहीं हनुमान जी की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण थी। क्योंकि अगर वह नहीं होते, तो राम युद्ध नहीं जीत पाते। ये भी याद रखें कि हनुमान ही थे, जिन्होंने लक्ष्मण की जान बचाई।
इटावा में भागवत कथा में शामिल हुए शिवपाल यादव
शिवपाल ने कहा कि विषम परिस्थितियां कभी-कभी आती हैं। आमजन ही नहीं, भगवान पर भी विषम परिस्थितियां आईं। कई संकट आए लेकिन अंत में जीत सत्य की ही होती है।
महाभारत के पात्रों का भी किया ज़िक्र
शिवपाल यादव ने महाभारत के चरित्रों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि धर्मराज युधिष्ठिर को शकुनि से जुआ नहीं खेलना चाहिए था। अगर जुआ खेलना ही था तो दुर्योधन के साथ खेलते। लेकिन जुआ शकुनि के साथ खेल लिया। अब ये भी सच है कि वह शकुनि ही थे, जिन्होंने महाभारत करा दी थी।