इस्लाम को लेकर अपनी बेबाक राय रखने वाले वसीम रिजवी अक्सर कट्टरपंथियों के निशाने पर रहते हैं। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमेन हिंदू बन गए हैं। बता दें कि वसीम रिजवी ने आज इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया। डासना मंदिर में पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें हिंदू धर्म ग्रहण कराया। धर्म परिवर्तन के बाद रिजवी अब त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे।
यति नरसिंहानंद सरस्वती ने ग्रहण कराया हिंदू धर्म
जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह डासना देवी मंदिर में पूरे विधि-विधान से रिजवी को हिंदू धर्म ग्रहण गया। उनका नया नाम अब हरबीर नारायण सिंह त्यागी होगा। धर्म परिवर्तन से पहले रिजवी ने कहा था कि नरसिंहानंद गिरि महराज ही उनका नया नाम तय करेंगे। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत जारी की थी।
हरबीर नारायण सिंह त्यागी होगा नया नाम
इस वसीयत में उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाने के बजाय हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को आग दें। उनकी इस वसीहत ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं थीं इस वसीयत के बाद वसीम रिजवी का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उन्होंने खुद की हत्या की साजिश की आशंका जताई थी। बता दें कि वसीम रिजवी ने कुरान की आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी।
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सुप्रीम कोर्ट में उनकी अर्जी के बाद से ही अल्पसंख्यक संगठनों ने उनका जमकर विरोध किया था। वसीम रिजवी की किताब को लेकर भी देश में काफी विवाद हुआ था। वसीम रिजवी के हिंदू बनने पर बड़ी संख्या में हिंदू धर्मगुरुओं ने उनका स्वागत किया है।