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प्रादेशिक

यूपी में 98.83 लाख लोगों को लग चुकी है कोरोना वैक्सीन की पहली डोजः नवनीत सहगल

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश सरकार द्वारा कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने की सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। प्रदेश में कोविड प्रबंधन को पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू कर इस महामारी को रोकने की कार्यवाही की जा रही है, जिससे संक्रमण के प्रसार में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने कोविड-19 प्रबंधन टीम को निर्देशित किया है कि प्रदेश में लोगों को कोविड संक्रमण से बचाने के लिए टेस्टिंग क्षमता बढ़ाई जाए। कल तक जो टेस्टिगं क्षमता 1.84 लाख थी उसे बढ़ा कर 2.25 लाख किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एग्रेसिव टेस्टिंग करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके क्रम में 40 नई आरटीपीसीआर टेस्टिंग मशीनों को मंगाने का आर्डर दिया गया है। इससे टेस्टिंग क्षमता वर्तमान में जो 02 लाख के आसपास है उसे बढ़ाकर 2.50 लाख तक किया जा सकेगा। प्रदेश में अब तक 04 करोड़ से अधिक लोगों का टेस्टिंग किया जा चुका है। निर्देशों के क्रम में अब प्रदेश में आरटीपीसीआर टेस्ट अधिक किये जाएंगे। वर्तमान में लगभग 01 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट किये जा रहे हैं। कल 94 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट किये गये, इसमें से 19 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट निजी लैब द्वारा किये गये।

नवनीत सहगल ने बताया कि कोविड संक्रमण की जटिलता से बचने के लिए टीकाकरण आवश्यक है। प्रदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया में तेजी लायी गई है। प्रदेश सरकार द्वारा 01 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के समस्त व्यक्तियों के लिए निःशुल्क टीकाकरण अभियान को जोर-शोर से चलाया जायेगा। इसके लिए 01 करोड़ वैक्सीन डोज का प्रबंध किया गया है। लोगों को समय पर टीकाकरण की डोज उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 98.83 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली डोज तथा 20 लाख से अधिक लोगों को इसकी दूसरी डोज लगायी गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा महामारी नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत घर-घर सर्वेक्षण किया जा रहा है और कोविड लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। प्रदेश में कल तक 16.19 करोड़ परिवारों तक स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीम पहुँची। इसमें जो भी व्यक्ति संक्रमित पाये गये उनका टेस्ट कराकर इलाज कराया गया। उन्होंने कहा कि 24 करोड़ आबादी वाले प्रदेश में 20 करोड़ से अधिक लोगों तक प्रदेश का स्वास्थ्य एवं नगर विकास विभाग पहुँचा है। देश और दुनिया का यह एक अनोखा अभियान है, जिसे प्रदेश सरकार लोगों के हित में चला रही है। जनसंख्या के अनुपात में प्रदेश में संक्रमण के आंकड़े भी अन्य प्रदेशों से कम है।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति सरकार द्वारा बढ़ाई जा रही है। कल 550 मी0टन ऑक्सीजन की आपूर्ति विभिन्न अस्पतालों को की गई। टैंकरों के माध्यम से ऑक्सीजन की मांग के अनुरूप आपूर्ति निरन्तर बढ़ाई जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आॅक्सीजन उपलब्धता के स्थायी समाधान के लिए भारत सरकार के सहयोग से 39 अस्पतालों में हवा से ऑक्सीजन बनाने वाले प्लाण्ट लगाने के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही पीएम केयर्स फण्ड के तहत 46 जिलों में ऑक्सीजन प्लाण्ट लगाये जाने के प्रस्ताव भारत सरकार को उपलब्ध करा दिए गए हैं। इसके साथ ही 54 निजी निवेशकों द्वारा भी प्रदेश में ऑक्सीजन प्लाण्ट के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके लिए स्थान और अस्पताल का चिन्हीकरण कर शीघ्र ही इनको स्थापित कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन निवेशकों को ऑक्सीजन प्लाण्ट लगाने पर पूंजीगत अनुदान एवं सब्सिडी आदि की सुविधाएं उपलब्ध करायेगी।

सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए है कि कोविड संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रणाली लागू की जाए। इसके लिए जिलाधिकारी एवं मण्डलायुक्त की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कोविड मरीजों को समुचित इलाज की व्यवस्था उपलब्ध करायें। दवाई, एम्बूलेंस की उपलब्धता तथा ऑक्सीजन आपूर्ति में कहीं भी गड़बड़ी न हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एम्बूलेंस की मात्रा बढ़ाई गई है, फिर भी कहीं पर एम्बूलेंस की उपलब्धता में समस्या आती है, तो इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट अपनी देख रेख में मरीज को अस्पताल पहुंचाएंगे। किसी भी मरीज को भटकना न पड़े इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट को कोविड कन्ट्रोल कमाण्ड सेण्टर के साथ मिलकर ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि मरीज को सरकारी या निजी अस्पताल में भर्ती कराया जा सके। निजी अस्पतालों में कोविड इलाज की दरें निर्धारित हैं। किसी भी कोविड मरीज से निर्धारित दर से ज्यादा शुल्क नहीं लिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में बेड न उपलब्ध होने पर निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज कराया जायेगा, जिसका भुगतान प्रदेश सरकार द्वारा आयुष्मान योजना के तहत किया जाएगा।

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी कोविड नियंत्रण के बेहतर प्रबंधन के लिए समाज के अन्य वर्गों से संवाद स्थापित कर उनके सुझावों एवं कठिनाइयों पर भी ध्यान देते हैं तथा इससे महामारी के प्रभावी नियंत्रण के लिए योजना बनाने में भी सहयोग मिलता है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री जी ने आज सम्पूर्ण प्रदेश के इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों, नर्सिंग होम एसोसिएशन के सदस्यों, निजी अस्पतालों के डायरेक्टर, सीएमएस से वर्चुअल वार्ता की। 28 अप्रैल को पूरे प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की निगरानी समितियों से वार्ता करेंगे तथा 29 अप्रैल को प्रदेश के आयुष डॉक्टरों से भी वार्ता करेंगे। उन्होंने कहा कि आयुष का काढ़ा, क्वाथ और दवाइयां भी बीमारी में काफी प्रभावी होती हैं। इन सभी व्यवस्थाओं के साथ प्रदेश को इस गम्भीर महामारी से शीघ्र मुक्ति दिलाने के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है।

उन्होंने ने बताया कि मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि लोग अफवाहों में न आएं, किसी भी प्रकार से भय का माहौल पैदा न करें। इस कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में प्रदेश के सभी लोग अपना सहयोग प्रदान करें। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं कि दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में किसी मरीज की मृत्यु पर अंतिम संस्कार में किसी प्रकार का शुल्क न लिया जाए तथा सभी का अंतिम संस्कार अपने धार्मिक मान्यताओं एवं रीति-रिवाजों के तहत किया जाए। उन्होंने कहा कि लोग अफवाह और डर का माहौल पैदा करने वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य रु0 1975 प्रति कुन्तल पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत चल रही है। प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं खरीद के लिए 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि एक नई व्यवस्था के तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी गयी है। ऐसे किसान उत्पादक संगठनों द्वारा 150 क्रय केन्द्रों के माध्यम से गेहूँ खरीद की जा रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहूं खरीद का अभियान जारी रहगेा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1,64,379 किसानों से अब तक 8,55,109.53 मी0 टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। किसानों की सुविधा के लिए क्रय केन्द्रों पर ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा के साथ इस वर्ष ऑनलाइन टोकेन की भी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि आयुक्त एवं जिलाधिकारी द्वारा स्वयं गेहूं खरीद की नियमित समीक्षा की जाए तथा अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा भी गेहूं क्रय केन्द्रों का निरीक्षण कराया जाए। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में बड़ी संख्या में टेस्टिंग कार्य करते हुए, टेस्टिंग क्षमता निरन्तर बढा़यी जा रही है। गत एक दिन में कुल 1,84,144 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक कुल 4,01,41,354 सैम्पल की जांच की गयी है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश 04 करोड़ से अधिक टेस्ट करने वाला प्रथम राज्य बन गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश  में पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 32,993 नये मामले आये हैं तथा 30,398 मरीज संक्रमणमुक्त हुए हैं। इस प्रकार अब तक कुल 8,34,961 से अधिक लोग कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। प्रदेश में 3,06,458 कोरोना के एक्टिव मामले में से 2,52,598 व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं।

प्रसाद ने बताया कि सर्विलांस की कार्यवाही निरन्तर चल रही है। संक्रमण को रोकने के लिए जो उपाय किए जा रहे हैं उनमें से सर्विलासं, कॉन्टैक्ट ट्रेसिगं, टेस्टिंग, आइसोलेशन और वैक्सीनेशन आदि हैं। प्रदेश में अब तक सर्विलांस टीम के माध्यम से 2,35,227 क्षेत्रों में 5,73,620 टीम दिवस के माध्यम से 3,35,50,687 घरों के 16,19,58,407 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि जो हेल्थ केयर वर्कर्स दूसरी डोज नहीं लगवा पायें हैं उनकों दूसरी डोज लगाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा रही है।

प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है कि कोई भी निजी या सरकारी अस्पताल किसी कोविड मरीज के उपचार से इंकार नहीं कर सकता। किसी भी गरीब आदमी का निजी अस्पताल में उपचार होने पर प्रदेश सरकार आयुष्मान योजना के तहत इलाज का भुगतान करेगी। उन्होंने कहा कि किसी मरीज से निर्धारित दर से अधिक शुल्क लेने पर महामारी एक्ट के तहत दण्डनीय अपराध होगा और इस तरह की घटना पर पीड़ित व्यक्ति संबंधित जनपद के जिलाधिकारी/मुख्य चिकित्साधिकारी/कमाण्ड सेण्टर को सूचित कर सकता है। उन्होंने बताया कि कानपुर जनपद में जिलाधिकारी द्वारा लोगों की सुविधा के लिए व्हाटस ऐप नम्बर जारी किया गया है, इसी प्रकार प्रत्येक जनपद में लोगों को सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जो लागे हामे आइसोलेशन में हैं अगर उनको कोविड-19 की किट नहीं मिली है, तो इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल रूम में व मुख्य चिकित्साधिकारी से सम्पर्क करके ले सकते हैं। जो लोग होम आइसोलेशन में हैं अगर वे डाक्टर की सलाह लेना चाहते हैं तो वे 18001805146, 18001805145 इस हेल्पलाइन पर सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति घर से ही ई-संजीवनी पोर्टल का प्रयोग करके चिकित्सकों से सलाह ले सकते हैं।

प्रसाद ने लोगों से अपील है कि मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। लोगों के प्रयासों एवं जागरूकता से संक्रमण दर में कमी आयी है। उन्होंने बताया कि संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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