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प्रादेशिक

यूपीः सुरेश खन्ना ने साधा संजय सिंह पर निशाना, कही ये बात

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लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्‍ना ने आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह पर रविवार को निशाना साधा। यूपी सरकार पर मेडिकल उपकरण की खरीद फरोक्‍त पर लगाए गए सभी आरोपों को उन्‍होंने बेबुनियाद बताया है। उन्‍होंने आम आदमी पार्टी पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि दिल्‍ली में ऑक्‍सीजन घोटाला करने वाली केजरीवाल सरकार अपने घोटालों पर पर्दा डालने के लिए उत्‍तर प्रदेश सरकार के कार्यों पर प्रश्‍नचिन्‍ह लगा रही है।

आम आदमी पार्टी के सभी आरोप झूठे हैं। इन खोखली बातों से वो महामारी के दौरान उत्‍तर प्रदेश सरकार के सराहनीय कार्यों की झूठला नहीं सकती है। देश के अन्‍य राज्‍यों की अपेक्षा उत्‍तर प्रदेश ने बेहतर रणनीति के अनुसार कार्य किया जिसके कारण आज उत्‍तर प्रदेश की स्थिति अन्‍य प्रदेशों से काफी बेहतर है।

चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्‍ना ने कहा कि आम आदमी पार्टी को यह पता होना चाहिए कि चिकित्‍सा क्षेत्र में बेहतर इलाज के लिए नई नई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है जिसके लिए अस्‍पतालों में बेहतर चिकित्‍सीय सुविधाएं देने के लिए नई तकनीक वाले उपकरणों की जरूरत होती है। ऐसे में हर उपकरण का एक बेसिक मॉडल तो वहीं उसका एक दूसरे मॉडल भी होते हैं। उन्‍होंने कहा कि वेंटिलेटर के बेसिक मॉडल के साथ ही बाजार में उस कंपनी के ही अलग अलग फीचर के ये वेंटिलेटर मौजूद हैं जिनके दाम बेसिक मॉडल से ज्‍यादा होते हैं। वेंटिलेटर (ड्रेजर) का बेसिक मॉडल जो नॉन अपग्रेडेबल है उसके दाम 10.5 लाख प्‍लस जीएसटी है वहीं इसके अपग्रेडेबल मॉडल के लिए अधिक राशि दी गई है।

इसी तरह से प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्‍सीय सुविधाएं देने के लिए एमएमवी मॉनिटरिंग मिनट वॉल्‍यूम, ऑटो फ्लो मॉड्यूल जैसे आधुनिक तकनीक से लैस चिकित्‍सीय उपकरणों का ऑर्डर दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि एमपी ने 10.5 प्‍लस जीएसटी वाले क्‍लासिक मॉडल का ऑर्डर दिया वहीं लखनऊ के केजीएमयू ने बिना किसी मॉड्यूल के चुनिंदा मॉडल का आर्डर दिया जिसकी किमत 12.5 लाख प्‍लस जीएसटी है। उन्‍होंने कहा कि उत्‍तर प्रदेश में सभी मशीनें पारदर्शिता निविदा प्रक्रिया के जरिए से उचित दामों पर खरीदी गई हैं।

दिल्‍ली वालों का ‘आप’ ने निकाला दम

उन्‍होंने केजरीवाल सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्‍ली में ऑक्‍सीजन घोटाला किया। ऑक्‍सीजन की मांग को चार गुना बढ़ा दिया था जिससे दूसरे प्रदेशों में ऑक्‍सीजन की भारी किल्‍लत हो सकती थी यह किसी भी सरकार का एक आमनवीय चेहरा है। उन्‍होंने कहा कि स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में धांधली आम आदमी पार्टी ने की है। उन्‍होंने कहा कि ये वही आम आदमी पार्टी है जिसने 90 हजार के ऑक्सीमीटर खरीदे थे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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